चौबीस घंटे में लाखों की चोरी के आरोपी गिरफ्तार

पुलिस को मिली बड़ी सफलता

       ( मोहन वर्मा – देवास – 98275 03366 )
देवास पुलिस को आज एक बड़ी सफलता मिली है जब कि उसने एक उद्योग से पांच लाख की कीमत की लेड धातु चोरी के आरोप में चन्द घंटों के अन्दर ही न सिर्फ गिरफ्तार किया बल्कि उनसे चोरी किये गये माल को भी बरामद करने में कामयाबी हासिल की है .

औधोगिक क्षेत्र थाने पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में पूरे प्रकरण का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अंशुमानसिंह ने बताया कि कल 18 नवम्बर को औधोगिक क्षेत्र में स्थित सार्थक व्यापार के रविन्द्र पिता ओमप्रकाश साहू  ने रिपोर्ट लिखवाई थी कि उनके द्वारा संचालित उद्योग परिसर से अज्ञात चोर दीवार में लगी जाली काटकर लेड धातु की 98 सिल्लियाँ चुरा ले गये है जिसकी अनुमानित कीमत पांच लाख रूपये है . नकब का ये गंभीर मामला अपराध क्रमांक 713/17 की फहरा 457,380 में पंजीबध्ह कर यह मामला विवेचना के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल पाटीदार और नगर पुलिस अधीक्षक तरुणसिंह बघेल को सौपा गया था

प्रकरण में सूक्ष्म विवेचना करते हुए थाना प्रभारी रविता चौधरी ने एक पिकप वाहन एमपी 41 जी ए 2442 को पकड़ा और योगेश पिता बद्रीलाल गरासिया उम्र 27 साल निवासी गर्ग स्टेट देवास, गजेन्द्र सिंह पिता भगवान् सिंह उम्र 24 साल निवासी कार्तिक नगर देवास,सुभान पिता बाबूसिंह चंद्रावत उम्र 21 साल निवासी ढांचा भवन देवास तथा हरिओम पिता रामगोपाल विश्वकर्मा उम्र 22 साल निवासी एम एस इन्डस्ट्री देवास को पकड़ा जिन्होनें कडाई से पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया और इनकी निशानदेही पर

98 लेड की सिल्लियाँ बरामद की गई .

इस मामले में ये सभी आरोपी 10 वी 12 वी पास मजदूर है और इसके पूर्व अलग अलग उद्योगों में काम कर चुके है वाहन बावडिया निवासी भगवान् दरबार का बताया जाता है जिसका चालक मुकेश पकडे गये आरोपियों में से एक है . आरोपियों में से गजेन्द्र और सुभान आपस में चचेरे भाई बताये जाते है. पुलिस पकडे गये आरोपियों से कडी पूछताछ कर रही है जिनसे और भी अपराधों के खुलासा होने की सम्भावना है .

इस कार्यवाही में उप निरीक्षक सविता चौधरी, निरीक्षक विनय तिवारी, पशुपतिनाथ चौबे, सोनेंद्र सिंह, शैलेन्द्र राणा, सुरेश किरार,दुलीचंद,रायचंद,वीरेंदर एवं तेजकरण की सराहनीय भूमिका रही है जिन्हें पुरस्कृत करने की घोषणा पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई है . 

 

Post Author: Vijendra Upadhyay

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