बीएनपी में दूसरे बडे आर्थिक घोटाले का खुलासा

प्रो- राटा पेंशन लेने वाले कर्मचारियों को नियमों के विपरित डबल डीए का भुगतान कर लगाया जा रहा है करोडों का चूना…..
देवास। स्थानीय बैंक नोट प्रेस में अब तक की सबसे बड़ी नोट चोरी के बाद प्रो-राटा पेंशन लेकर कार्पोरेशन में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को दोहरा महंगाई भत्ता देकर भारत सरकार को करोड रूपया का चूना लगाने का मामला उजागर हुआ है। नियम के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने सेवाकाल में एक साथ दो जगह से महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो सकता है। लेकिन बीएनपी मैनेजमेंट की मिली भगत से प्रो-राटा लेकर कार्पोरेशन में कार्य करने वाले अधिकारियों को पेंशन का पूरा डीए के साथ कार्पोरेशन के वेतन के साथ भी पूरा डीए दिया जा रहा है। जबकि नियमानुसार प्रो-राटा लेकर फिर से सेवा करने वाले कर्मचारियों को केवल मूल पेंशन की ही पात्रता है उन्होंने अधिवार्षिता पर सेवा निवृत्ति तक पेंशन पर डीए पाने की पात्रता नहीं होती है। इस मामले में की गई शिकायत के बावजूद केस को दबा कर रखा गया है क्योंकि नियमानुसार प्रो-राटा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों से भुगतान किए गए डीए की वसूली की जाती है तो यह रकम करोडों में होगी और बीएनपी के जनरल मैनेजर सहित अधिकारियों को लाखों रूपए चुकाने होंगे।
भारत सरकार के पेंशन एवं कार्मिक विभाग ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसरण में 1 जनवरी 2016 से सभी पेंशनधारकों की मूल पेंशन को 2.57 गुना बढ़ाकर भुगतान करने के आदेश दिए थे। लेकिन 2.57 गुना पेंशन का फार्मूला प्रो-राटा पेंशन लेने वालों पर लागू नहीं होता क्योंकि इसमें 125 प्रतिशत डीए भी शामिल है। वास्तव में उनकी इस गणना में डीए की राशि घटाकर उनकी पेंशन निर्धारित की जानी चाहिए थी। लेकिन बीएनपी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने डीए सहित अपनी पेंशन निर्धारित होने पर कोई आपत्ति प्रदर्शित नही की और न ही वहां पदस्त वेतन एवं लेखा विभाग ने इस अतिरिक्त भुगतान पर कोई आपत्ति ली जिसके कारण 1 जनवरी 2016 से बीएनपी में प्रो राटो पेंशन लेकर काम करने वाले कर्मचारियों तथा अधिकारियों को 125 प्रतिशत राशि का अधिक भुगतान किया जा रहा है जो करोडों रूपये होती है। इस ममले को मैनेजमेंट की मिली भगत से किए जाने वाले आर्थिक घोटाने के रूप में लिया जाकर वित्त मंत्री, सीएजी तथा एम.पीएमसीएल से शिकायत की गई है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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