देवास। इस वर्ष रक्षाबंधन के पावन पर्व पर चंद्रग्रहण होने की वजह से गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं प्रज्ञापीठ विजय नगर देवास पर श्रावणी उपाकर्म का आयोजन एक दिन पूर्व 6 अगस्त को किया जाएगा। गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि श्रावणी पूर्णिमा पर्व का उद्देश्य आत्म निर्माण है। शरीर का निर्माण हो गया, शरीर तो छूट जाएगा लेकिन शरीर के बाद भी आापकी आत्मा की दुर्गती न हो, आत्म निर्माण हो । इस दिन भाई बहन और मित्र परस्पर एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर शुभ संकल्प लेते है। रक्षा बंधन बहन की, संस्कृ ति की, राष्ट्र की रक्षा हेतु बंधन से जोडने का प्रतीक त्यौहार है। शास्त्रानुसार पर्यावरण एवं आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टि से इस दिन पौधारोपण का भी विशेष महत्व है।
इस विशेष पर्व श्रावणी उपाकर्म का कार्यक्रम दोनों स्थानों पर 6 अगस्त को प्रात: 8 बजे से प्रारंभ होगा। श्रावणी उपाकर्म में सर्वप्रथम तीर्थ की प्रार्थना के अनन्तर पंचगव्य प्राशन कर प्रायश्चित संकल्प एवं दशविध स्नान जैसे- मिट्टी, गोयम, गोमूत्र, भस्म आदि । ऋषि, पितृ तर्पण तथा शुद्ध स्नान कर नवीन यज्ञोपवित पूजन कर धारण किया जाएगा। पश्चात श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीय माता भगवतीदेवी शर्मा व ऋषियों का पूजन एवं देवोह्न कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ कर पूर्णाहूति की जाएगी तथा पर्यावरण को दूषित वातावरण से बचाने के लिए पौधों का वितरण किया जाएगा।
गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पण्डया एवं गायत्री प्रज्ञापीठ मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने समस्त भावनाशील परिजनो से अनुरोध किया है कि इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।