कच्चे झोपड़ों के स्थान पर बन गए हैं सपनों के घर

देवास 22 सितंबर 2017/ जिले में दो हजार पक्के मकान उन स्थानों पर बन गए हैं जहां कभी कच्चे झोपड़े हुआ करते थे। कलेक्टर आशीष सिंह जब दो दिन पहले खातेगांव के बरबई गांव पहुंचे थे तो वहां कैलाश और ज्योति ने उन्हें बताया था कि ये मकान नहीं हमारे सपनों के घर हैं। ये घर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में बनकर तैयार हो रहे हैं।
जिला पंचायत की परियोजना अधिकारी रंजना जोशी के अनुसार देवास जिले में तेजी से आवास बन रहे हैं। अभी तक 2063 आवास बन चुके हैं। देवास जनपद में 352, टोंकखुर्द में 209, सोनकच्छ में 381, बागली ब्लाक में 435, कन्नौद ब्लाक में 369 और खातेगांव में 317 आवास बन चुके हैं। लक्ष्य के अनुसार आवास बनाने में प्रथम स्थान देवास, द्वितीय स्थान सोनकच्छ और तृतीय टोंकखुर्द का है। देवास में 47 फ़ीसदी, सोनकच्छ में 37 फ़ीसदी और टोंकखुर्द में 36 फ़ीसदी मकान बन चुके हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में पहला आवास ग्राम पंचायत चारिया में सूरज रामसिंह का बना था। मई 2017 में यह बनकर तैयार हो गया था। कलेक्टर आशीष सिंह और सीईओ जिला पंचायत राजीव रंजन मीणा प्रतिदिन योजना की समीक्षा कर रहे हैं। किश्तों के भुगतान में तत्परता की जा रही है। अब तक सभी हितग्राहियों को 84 करोड़ 46 लाख रुपयों का भुगतान किया जा चुका है। जिले में प्रथम चरण में 9165 ग्रामीणों का चयन इस योजना के तहत किया गया है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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