वर्ल्ड् की टॉप साइंस जर्नल “ द साइंटिस्ट “ में भारतीय एमबीबीएस छात्र का रिसर्च वर्क हुआ प्रकाशित

देवास – अमलतास मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र प्रिंस जैन पिता अनिल जैन का आईसीएमआर द्वारा चयनित रिसर्चवर्क दुनिया की शीर्ष साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। आईसीएमआर द्वारा प्रिंस जैन के रिसर्च वर्क को पूरे भारत के टॉप 30 रिसर्च में स्थान प्राप्त हुआ था। प्रिंस जैन ने अमलतास में सरकार द्वारा बनाये गई वेक्सिन कितनी कारगर है ,वैक्सीन का दूसरा डोस लगने के बाद कितने समय तक एंटीबॉडीज़ शरीर में रहेगी और कितने समय के बाद जनता को बूस्टर डोस की ज़रूरत है , इस विषय पर रिसर्च कर कोरोनाकाल में संपूर्ण मेडिकल जगत में अपनी संस्था, मातापिता व गुरुजनों को गौरवान्वित किया।आज उनके रिसर्च वर्क की सराहना वर्ल्ड की शीर्ष साइंस मैगज़ीन “द साइंटिस्ट” ने की है।
वो अपने इस रिसर्च की सफलता का श्रेय रिसर्च की मार्गदर्शक डॉ नीतू शर्मा जी को देना चाहते है। प्रिंस जैन अमलतास मेडिकल कॉलेज ,देवास में फाइनल ईयर के छात्र है व इंदौर के निवासी है। हाल ही में ,उन्हें मध्यप्रदेश के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के “स्टेट जनरल सेक्रेटरी” पद पर नियुक्त किया गया है ,वह इतने बड़े पद को पाने पर बाबा महाकाल का आभार मानते है। मेडीविज़न (एबीवीपी) के वह मालवा प्रांत के सहप्रमुख पद पर निर्वाचित है ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में 2019 से कार्यरत है। वह अपनी डॉक्टर बननें तथा इस संपूर्ण सफ़लता का श्रेय अपने मातापिता को देते है , उनका मानना है कि आज वह बिना कोई स्कॉलरशिप प्राप्त किए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की संपूर्ण फ़ीस दे कर इस काबिल बने है तो सिर्फ़ अपने माता पिता के वजह से बन पाये हैं। उनका उद्देश्य भविष्य में राज्य की मेडिकल एजुकेशन व स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का है। आज संस्थान के डायरेक्टर सुरेश सिंह भदौरिया , चेयरमैन मयंक सिंह भदौरिया,अमलतास यूनिवर्सिटी के डीन डॉ .शरद चंद्र वानखेड़े , चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अभिलाष कुमार पीठवा ,एसोसियेट प्रोफेसर डॉ नीतू शर्मा व संस्थान के छात्रो द्वारा उनका सम्मान किया गया व भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी गई।

Post Author: Vijendra Upadhyay