( मोहन वर्मा – 9827503366)
बीती 31 दिसंबर को क्षिप्रा पुल पर भटकती एक तमिल महिला की सूचना डायल 100 पर मिलने के बाद विगत 15 दिनों से विशेष प्रयास कर रही ओद्योगिक थाना देवास की महिला पुलिसकर्मी के अथक प्रयासों से महिला को वापस अपने परिजन मिल गये है.और बीते चार माह से लापता यह महिला अब अपने परिजन के पास लौट सकेगी.
ओद्योगिक थाना देवास की पुलिसकर्मी सोनम जोशी से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओद्योगिक थाना देवास को डायल 100 पर 31 दिसंबर 17 को ये सूचना मिली थी कि एक महिला जो कि न हिन्दी जानती है और ना अंग्रेज़ी, शिप्रा पुल पर भटक रही है. उससे संपर्क करने पर मालूम हुआ कि उसे सिर्फ तमिल भाषा आती है. महिला को शासकीय सिंगल पॉइंट आवास पर रखकर विवेचना अधिकारी सोनम जोशी ने उसके फोटो वाट्सअप ग्रुप्स, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किये इसके बाद चेन्नई की बैनियन संस्था से संपर्क किया जो गुम हुई महिलाओं को उनके घरों तक पहुँचने की सामाजिक भूमिका निभाती है तो वहाँ बैठे दुभाषिये के द्वारा मालूम हुआ कि ये महिला तमिलनाडू की रहने वाली है.
तमिलनाडु के पुलिस थानों से लगातार नेट के माध्यम से अथक संपर्क से और महिला द्वारा दुभाषिये को बताई जानकारी में कुमारपल्लय, कांगूमंडपम और ईरोट पुलिस थानों की जानकारी मिली और अंततः महिला के बारे में पता चला कि वह थाना कुमारपल्लय, जिला नमक्कलय की रहने वाली है,जहाँ से उसके परिवार को सूचना दिए जाने के बाद आज उसका बेटा विनोदकुमार अपने एक मित्र श्रीधर के साथ अपनी माँ को लेने देवास पहुंचा.बेटे को भी तमिल के अलावा और कोई भाषा नही आती,उसका दोस्त थोड़ी थोड़ी अंगरेजी जनता है और उसे लेकर देवास तक आ पहुंचा.
अत्यंत निर्धन परिवार की 42 वर्षीय उमा मन्गेश्वरी पति संनुग्म घर के पास के स्थित रेल्वे स्टेशन से आसपास कहीं जाने के लिए निकली थी और भाषा से अनजान किसी अन्य ट्रेन में बैठकर चार माह तक ना जाने कहाँ कहाँ भटक कर देवास और शिप्रा पहुंच गई जहाँ सूचना मिलने पर पुलिसकर्मी सोनम जोशी ने निजी स्तर पर लगातार प्रयासरत होकर उसे अपने परिवार से मिलाने में अहम भूमिका अदा की.
विगत 15 दिनों में इस महिला की देखरेख और खर्चे की व्यवस्था तथा उसके और बच्चों के वापस तमिलनाडू तक भिजवाने के टिकिट आदि के लिए भी सोनम जोशी ने निजी और मानवीय आधार पर व्यवस्था की.