मोहन वर्मा देवास – 9827503366
देवास . देवास स्थित करंसी नोट छापने के कारखाने – बैंक नोट प्रेस में वरिष्ठ पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत एक सुपरवायजर नोट छुपा कर ले जाने के आरोप में आज पकड़ा गया और उसके पास से करीब 90 लाख रुपयों की करंसी को प्रबन्धन की शिकायत पर पुलिस ने आफिस में रखे उसके लाकर और उसके साकेत नगर स्थित घर से जब्त किये
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीएनपी में पदस्थ मनोहर वर्मा पिता चंद्रपाल वर्मा को तीन माह पहले रिजेक्ट नोट विभाग में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई थी जहाँ डिफाल्ट नोटों को रिजेक्ट करके उन्हें डिस्पोजल में भेजना होता था. मनोहर अपने काम के दौरान मामूली डिफाल्ट वाले नोटों को अपने पास रख लेता था और अधिक खराब नोटों को डिस्पोजल में भेज देता था चुराए नोटों को अपने जूतों और मोजों में रखकर वह घर ले जाता था.
पिछले तीन चार दिनों से मनोहर को बार बार टेबल के नीचे झुकता देखकर अधिकारीयों और साथ काम करने वालों को शंका हुई और उसके बाद वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरे को देखने पर पता चला कि मनोहर अपने जूतों में रखकर नोट घर ले जाता है.
शुक्रवार को फिर उसपर निगाह रखी गई और जब वह जूतों में नोट रखकर बाहर आने लगा तो पहले से सूचना पर पहुंची पुलिस और प्रबंधन की टीम ने जूते निकलवाकर उसकी चेकिंग करवाई गई जिसमे 500 के नोट रखे हुए मिले. पूछताछ में आरोपी मनोहर ने ने कबूल किया कि वह पिछले तीन चार माह से नोट ले जाता रहा है और उसने अपने घर में राशि छुपाना भी कबूल किया. आरोपी को लेकर घर पहुंची पुलिस को उसके घर से दो बंडलों में रखे पांच पांच सौ और दो सौ के कुल 90 लाख 9 हजार तीन सौ के नोट बरामद किये गये .
मनोहर सन 1984 में बीएनपी में एलडीसी के पद पर भर्ती हुआ था और विगत तीन
माह पूर्व ही उसे रिजेक्ट नोट विभाग में रिजेक्ट नोटों को डिस्पोजल में भेजने की जिम्मेदारी दी गई थी.
बैंक नोट प्रेस अपनी कडी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जाना जाता है मगर इस घटना के बाद वहाँ पर सुरक्षा की बड़ी चूक सामने आई है हालाँकि नोट प्रेस प्रबंधन द्वारा इस मामले में मीडिया को कोई जानकारी ना देते हुए मीडिया से दूरी बनाई जा रही है.प्रसंगवश ये भी उल्लेखनीय है कि विगत समय से बीएनपी प्रबंधन की अनदेखी से वहाँ के कर्मचारियों द्वारा ड्यूटी के नाम पर अन्य गतिविधियों में लिप्त रहने की चर्चा भी बनी रही है.