प्रधानमंत्री से मिली प्रेरणा और बना लिया डेयरी का आधुनिकतम संयंत्र

सफलता की कहानी
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देवास 12 फरवरी 2018/ देवास के युवा वरुण शरद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मन की बात से प्रेरणा लेकर डेयरी का आधुनिकतम संयत्र स्थापित किया है। श्री मोदी द्वारा युवा शक्ति से देश के लिए कुछ नया करने के आह्वान ने वरुण को उदवेलित किया। उन्होंने अपने परंपरागत अनाज के व्यवसाय से हटकर एक आधुनिक दूध डेयरी की सफल शुरुआत की है।
वरुण ने देवास जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर मक्सी रोड राबड़िया गांव में अंबर डेयरी प्रारंभ की है। इस डेयरी की लागत 10 करोड रुपए हैं। इस डेयरी की शुरुआत उन्होंने 10 गायों से की थी। इन 10 गायों में गिर और डेनमार्क मूल की हॉस्टन फ्रीजियन गाय शामिल थी। यह इंटरपेनियोर अब 80 गायों के संख्या के साथ एक व्यवस्थित और विशाल उद्यम बन गया है। यह एक ऐसा डेयरी फार्म है, जहां गायों की ऑटोमेटिक मसाज होती है। शॉवर की उत्तम व्यवस्था है और सबसे अनूठी बात यहां चौबीसों घंटे हरि भजन चलते रहते हैं।
आधुनिक मशीनों से निकाला जाता है दूध….
वरुण बताते हैं कि यहां पर गायों को खाना देने से लेकर दूध निकालने तक की प्रोसेस में कहीं पर भी इंसानी हाथ नहीं लगता है सारा काम आधुनिक मशीनों से किया जाता है। इस डेयरी फार्म में दूध निकालने के लिए मशीनें हैं। गायों की मसाज करने के लिए जर्मनी आयातित ड्रेसर लगे हैं और गायों को नहलाने के लिए शॉवर भी लगे हैं। गायों के बैठने के लिए आधुनिक मैटिंग लगी हुई है। यह सभी मशीनें जर्मनी से आयात हैं। इस डेयरी फार्मिंग के लिए वरुण ने स्विजरलैंड जाकर 10 दिनों का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यहां गायों के गोबर की क्लीनिंग भी ट्रैक्टर द्वारा की जाती है। साथ ही गायों का खाना भी टैक्टर से ही परोसा जाता है। गायों का यह खाना एक टीएमआर मशीन में तैयार होता है। इसी तरह गायों की देखभाल के लिए चौबीसों घंटे एक वेटरनरी डॉक्टर रखा गया है जो दिन में दो बार गायों का टेंपरेचर और अन्य परीक्षण करता है। फॉर्म में मशीन से ही दूध निकाला जाता है। चार मिनट में आठ गायों का दूध एक साथ निकलता है।
डोर-टू-डोर सप्लाई किया जाता है दूध…
दूध की बॉटलिंग की प्रक्रिया में 20 सेकंड में दूध को 80 डिग्री टेंपरेचर पर गर्म किया जाता है। इसके तुरंत बाद उसे 4 डिग्री टेंपरेचर पर लाया जाता है और इसे इतने ही तापमान पर इन्सुलेटेड वेन द्वारा ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जाता है। इससे दूध की गुणवत्ता बनी रहती है और दूध 3 दिनों तक चलता है। दूध को कांच की बोतल में पैक किया जाता है। वरुण का कहना है कि दूध देवास शहर और इंदौर में डोर-टू-डोर सप्लाई किया जाता है। यहां गायों के दूध से बने घी की भी भारी डिमांड रहती है। यह घी 1100 रुपए प्रति किलो के रेट पर बिकता है। इस डेयरी में दूध का प्रतिदिन का उत्पादन 350 लीटर है। साथ ही घी लगभग 300 किलो प्रतिमाह बनाया जाता है। गायों के गोबर के कंडे भी बनते हैं और जैविक खाद तैयार की जाती है। गोबर, गोमूत्र और पानी मिलाकर जो खाद बनाई जाती है, वह यूरिया और पेस्टीसाइड दोनों का एक मजबूत विकल्प है।
पशु पालन विभाग का मिलता रहता है मार्गदर्शन….
वरुण बताते हैं कि फॉर्म में 10 एकड़ जमीन पर केवल इन गायों के लिए चारा उगाते हैं। देवास के पशुपालन विभाग की समय-समय पर सलाह और मार्गदर्शन प्राप्त होता है। पशुपालन विभाग के प्रशिक्षणरत गौसेवकों का यहां स्टडी टूर भी कराया जाता है। वरुण अपने इस उद्यम से प्रसन्न हैं और अपने दादा देवास के नामी हीरा सेठ की उस भावना को फलीभूत कर रहे हैं, जिसमें गायों की सेवा को ईश्वर की आराधना माना जाता है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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