जिसके पास परमात्मा है उसे कुछ और की आवश्यकता नहीं- राजशेखर सूरीश्वरजी
देवास। सूरत गुजरात से सम्मेद शिखर बिहार जैन तीर्थ की 3500 किमी पदयात्रा कर रहे 120 साधु साध्वियों का बुधवार को नगर में पदार्पण हुआ। गच्छाधिपति आचार्य श्री राजशेखर सूरीश्वरजी म.सा. एवं आचार्य श्री राजहंस सूरीश्वरजी म.सा. के नेतृत्व में फरवरी माह से प्रारंभ हुआ यह तीर्थ पदयात्रा संघ जून माह में पूर्ण होगा। प्रात: 8 बजे चौधरी गार्डन मक्सी रोड पर संतजनों की अगवानी की गई। इस अवसर पर नगर प्रवेश की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जो कि नगर के जैन मंदिरों के दर्शन पश्चात चौधरी गार्डन पर धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुई। मुख्य अतिथि के रूप में महाराज विक्रमसिंह पवार, दुर्गेश अग्रवाल, महापौर प्रतिनिधि विमल शर्मा उपस्थित थे। विशाल धर्मसभा को उपदेशित करते हुए पूज्यश्री ने कहा कि देवास नगर देवताओं के वास का स्थान है। जहां पर देवता एवं देवतातुल्य मनुष्य रहते हैं वहां परस्पर दुर्गुण देखने की वृत्ति नहीं होती। सभी जन प्रेमपूर्वक रहते हैं, और ऐसे ही स्थानों पर देवता भी निवास करने को आतुर रहते हैं। जिसके पास परमात्मा है उसे किसी और की जीवन में आवश्यकता नहीं होती । इसे उदाहरण देते हुए आपने कहा कि महाभारत के युद्ध में पांडव एवं कौरव ने भगवान श्रीकृष्ण से सहायता मांगी। कौरवों नेे श्रीकृष्ण की सेना मांगी जबकि पांडवों ने स्वयं भगवान श्रीकृष्ण को मांगा। महाभारत युद्ध के परिणाम को इंगित करते हुए आपने कहा कि जिसके पास बल होता है वह पराजित हो सकता है लेकिन जिसके पास परमात्मा बल होता है वह कभी पराजित नहीं होता। यदि हमारे पास परमात्मा है तो उसका स्थान सर्वोपरि होना चाहिये। आज हमने परमात्मा को छोडकर बाकी सांसारिक रिश्तों को अपनाने एवं उन्हें सुदृढ बनाने में ही अपना संपूर्ण जीवन गंवा दिया है। जबकि मानव जीवन का परम उद्देश्य एवं प्रथम धर्म परमात्मा ही है। परमात्मा को सिर्फ धर्म स्थानों में ही नहीं हमारे सांसारिक कार्यक्षेत्र में सदैव दृष्टिगत रखते हुए न्याय नीतिपूर्ण व्यवहार करते हुए जीवन में संतोष कायम करना चाहिये। हमारे परिवार में भी कुछ अधर्म क्रिया न हो इसका पूर्ण ध्यान रखना चाहिये तब ही तो ही हम हमारे परिवार के प्रति कर्तव्यों को सच्चे अर्थो में पूर्ण कर सकेंगे। परमात्मा प्रदत्त मार्ग पर चलकर आत्मकल्याण को आत्मसात करना चाहिये । स्वागत भाषण शैलेन्द्र चौधरी ने दिया । कार्यक्रम का संचालन विजय जैन ने किया तथा आभार भरत चौधरी ने माना। इस अवसर पर विलास चौधरी, अशोक जैन मामा, प्रेमचंद शेखावत, वीरेन्द्र जैन, राजेन्द्र जैन, लक्ष्मीचंद बागरेचा, एच.एल. मेहता,मनीषा बापना, मंजु जैन भोमियाजी, दीपक जैन, अतुल जैन, अजय मूणत, अरूण मूणत, रामेश्वर जलोदिया, इमरान दर्पण, शुभम नागर, किशोर महाजन, महेन्द्र बागरेचा, रामचंद्र जैन, सुरेन्द्र तेजावत, राकेश तरवेचा, मदन जैन, मनोज कटारिया आदि उपस्थित थे।
आगामी कार्यक्रम
24 मार्च शनिवार को यह पदयात्रा संघ शिवपुर चापड़ा महातीर्थ में प्रवेश करेगा। इस अवसर पर पूज्य अनुयोगाचार्य श्री वीररत्नविजयजी म.सा. की निश्रा में शिवपुर तीर्थ में सभी साधु साध्वी भगवंतों का स्वागत किया जाएगा।