गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर सामूहिक अनुष्ठानों की पूर्णाहूति

शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ श्रीरामजी का जन्मोत्सव मनाया

देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 18 मार्च से 25 मार्च तक चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर सामूहिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि 25 मार्च रामनवमी को प्रात 9 बजे से श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं देवआव्हान, देवपूजन, पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ, दीक्षा, यज्ञोपवित,विद्यारम्भ सहित विभिन्न संस्कार हुए। भगवान महाकालेश्वर का अभिषेक कर शिव परिवार की प्राणप्रतिष्ठा वैदिक मंत्रों से वरिष्ठ परिजन शिवानन्द गिरी व रामनिवास कुशवाह द्वारा सम्पन्न करवाई । प्रात: 11.30 बजे अनुष्ठान व गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई पश्चात भगवान श्री रामजी का जन्मोत्सव मनाकर महाप्रसाद का वितरण किया गया। महायज्ञ का संचालन चन्द्रिका शर्मा व महेश शर्मा ने किया एवं संस्कारों का संंचालन शिवानन्दगिरी व रामनिवास कुशवाह ने किया। इस अवसर पर पूर्व प्रबंध ट्रस्टी ईश्वरलाल भट्ट ने भगवान श्रीराम के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी के अभियान समयदान व अंशदान को विस्तार से बताया । इस अवसर पर महेश पंड्या, भारतसिंह बनाफर, कन्हैयालाल मोहरी, सुभाष जैन, विजय जाधव, चारुप्रभा बाबर, गणेशप्रसाद व्यास, रमेशचंद्र मोदी, कविता देशमुख, सुरेश माली, दिलीप सोलंकी, सुरेन्द्र दुबे, प्रमोद निहाले, शिवनारायण सोलंकी एवं गायत्री परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ पर संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में 25 मार्च को प्रात: 8.30 बजे से पंचकुंडीय महायज्ञ के साथ विद्यारम्भ, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार हुए। महायज्ञ पूर्णाहूति के पश्चात भगवान श्रीरामचंद्र जी का जन्मोत्सव मनाया पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया । कर्मकाण्ड का संचालन महेश आचार्य, दिनेश बर्डे, ज्ञानदेव बोडख़े, प्रखर पोरवाल ने किया । सुशीला डोबले, अयोध्या दुबे का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन व प्रसादी का लाभ लिया। सिरोल्या प्रज्ञापीठ पर भी परिव्राजक नारायणदासजी के सानिध्य में सामूहिक अनुष्ठान की पूर्णाहुति हुई ।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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