बीमा कार्यालयों में सांकेतिक हड़ताल रही

अधिकारियों कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए गेट मीटिंग आयोजित की
देवास। जीवन बीमा निगम कार्यालयों में बुधवार को 1 से 2 बजे तक एक घंटे की सांकेततिक हड़ताल रही । नई भर्ती चालू करना, 5 दिन का हफ्ता करना, शेष कर्मचारियों के लिये पेंशन विकल्प निकालना, 1.8.17 से देय हो गये वेतन पुनरीक्षण को शीघ्र बातचीत के माध्यम से लागू करना तथा नई स्र्पोट्स एवं प्रमोशन पालिसी को वापस लेने आदि मांगों को लेकर कर्मचारियों ने नारे लगाए तथा गेट मीटिंग आयोजित की। मीटिंग में मोहन जोशी उपाध्यक्ष इंश्योरेंस एम्पलाईज यूनियन इंदौर मंडल ने कहा कि पांचों मांगों को लेकर हमारे उद्योग में रोष व्याप्त हो रहा है। शीघ्र वार्ता प्रारंभ करके सम्मानजनक वेतन पुनरीक्षण लागू किया जाए। आज विश्व की बीमा कंपनियों में आय का सबसे कम प्रतिशत भारत के सार्वजनिक बीमा निगम में खर्च हो रहा है लगभग 5 प्रतिशत । एल आयसी क्लास वन आफिसर्स एसोसिएशन के इंदौर मण्डल के महासचिव विनित वर्मा ने कहा कि नई भर्ती नहीं होने से हमारे उपर काफी कार्य बोझ बढ़ता जा रहा है। पहले से प्रति व्यक्ति पालिसी काफी बढ गई है जबकि स्टाफ लगभग आधा होने जा रहा है। नेशनल फेडरेशन आफ फील्ड वर्कस के योगेश द्विवेदी ने कहा कि हमारी चट्टानी एकता एवं जोश को देखे हुए शीघ्र सफलता मिलेगी। मोरसिंह राजपूत ने कहा कि शेष रह गए लोगों को भी पेंशन मिलना चाहिये। महिला अधिकारी मुग्धा वैद्य ने कहा कि नई प्रमोशन की पालिसी बहुत गलत है। इस पालिसी से हमारे अधिकारों एवं लाभों पर कुठाराघात हो रहा है। जानकीलाल मोदी ने कहा कि 5 दिन का सप्ताह, जिसका कि आफर मैनेजमेंट ने किया था उसे शीघ्र लागू किया जावे। सभा को रीमा बारोनिया, वि.अ. सतीश शर्मा, नेहा नाडकर, सुभाष चौधरी, एम.एस.दांगी, हरीश चौहान आदि ने सम्बोधित किया। हडताल में सभी वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। जिसमें मनीष गौड, भारती पारखी, संजय तिवारी, संजय त्रिवेदी, स.शा. प्रबंधक परसराम मिश्रा आदि प्रमुख थे।
उक्त जानकारी देते हुए श्री राजपूत ने बताया कि यदि हमारी जायज मांगों पर सम्मानजनक रूप से क्रियान्वयन नहीं किया गया तो उद्योग में रोष व्याप्त होगा । जबकि हमारे निगम में अभी तक सम्मानजनक रूप से समझौता होता रहा है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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