क्या ऐसी शर्मनाक सोच का व्यक्ति देश का नेता बनने लायक है….?

IAS टीना डाबी की, IAS अतहर अमीर उल शफी से शादी की खबर पर राहुल गांधी ने दोनों को ट्विटर पर जोरदार बधाई दी और अपनी शुभकामनाओं का सागर उन पर उड़ेल दिया।
लेकिन शर्मनाक तथ्य यह है कि भारत का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा 48 बरस का यह नेता टीना की अतहर के साथ शादी पर बधाई देना तो नहीं भूला। लेकिन पिछले 7 दिनों से ऑस्ट्रेलिया में भारत की प्रतिष्ठा, उसके मान सम्मान का डंका दुनिया के सामने बजा रहे भारत के बेटे बेटियों को बधाई या शुभकामनाएं देना उसने जरूरी नहीं समझा।
ज्ञात रहे कि मीराबाई चानू, संजीता चानू, पूनम यादव, मनु भाखर, हिना सिद्धू, श्रेयसी सिंह सरीखी आधा दर्जन भारत की बेटियों समेत भारत के खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हो रहे 71 देशों के राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक 12 स्वर्णपदक जीत लिए हैं।
इसके अतिरिक्त भारतीय खिलाड़ियों ने 4 रजत तथा 12 पदक जीत लिए हैं।
देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत समाज के सभी वर्ग के सामान्य व विशिष्ट व्यक्तियीं ने इन खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं हैं लेकिन खुद को देश के नौजवानों का एकमात्र नेता कहने मानने वाले तथा देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले राहुल गांधी ने भारत की उन नौजवान बेटियों और बेटों की प्रशंसा में पिछले 7 दिनों में एक शब्द नहीं बोला है। राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रमंडल खेलों में अपनी प्रतिभा और परिश्रम देश का गौरव बढ़ा रहीं भारत की बेटियों और बेटों की इस शर्मनाक संदेहास्पद उपेक्षा का घृणित कारण क्या है..?

साभार ……सतीश चन्द्र मिश्र

Post Author: Vijendra Upadhyay

Leave a Reply