1100 मंगल कलशों की शोभायात्रा निकाली
24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा का शुभारंभ
देवास । आज का इंसान तैतीस कोटि देवताओं की पूजा करते करते देव पुजारी बना हुआ है, इसी पूजा को करते करते आत्म पूजन भूल चुका है । अगर मनुष्य स्वयं का पुजारी हो जाय तो दुनिया की सारी अराजकता ही समाप्त हो जाय । दुनिया को छलने वाला व्यक्ति स्वयं ही स्वयं द्वारा हजार गुना छला जा रहा है । आत्म गौरव का भान कराने के लिए उसे आत्म शोधन को बढ़ाना होगा । व्यक्ति निर्माण का यही प्रयास गायत्री परिवार का विचार क्रांति आंदोलन है । ये प्रेरक विचार आज इंदौर – देवास के बीच माँ शिप्रा नर्मदा तट के पास वनखंडी हनुमान मंदिर क्षिप्रा मैदान में शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में वातावरण के परिशोधन, आसुरी शक्तियों को निरस्त करने एवं सत प्रवर्तियो के संवर्धन व मानव के कल्याण के लिए शक्ति संरक्षण वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा के शुभारम्भ अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि श्यामबिहारी दुबे ने व्यक्त किये। वे यहाँ 14 से 17 अप्रैल तक होने वाले गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण कथा में उपस्थित श्रद्धालुओ को संबोधित कर रहे थे। गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि इसके पूर्व आज सुबह आयोजन स्थल से 1100 मंगल कलशों की यात्रा गांव में निकाली गई। यात्रा में परिजनों द्वारा गायत्री माता के जयकारों के साथ साथ नशा मुक्ति, नारी जागरण के नारे लगाते चल रहे थे । यात्रा मार्ग में जगह जगह विभिन्न मंचों से कलशों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया । यात्रा में हिन्दू देवी देवता व महापुरुषों के वेश में बालक बालिकाएं तथा श्री रामनाथ गुरु व्यायामशाला व कुश्ती केंद्र एवं बालिका शस्त्र कला बड़ी ग्वालटोली इंदौर की बालिकाओं द्वारा मुन्ना बोरासी के नेतृत्व में किया गया शस्त्र प्रदर्शन सभी के आकर्षण का केंद्र थे । ऐसा लग रहा था जैसे पूरा गाँव गायत्री मय हो गया हो । कार्यक्रम स्थल से निकली कलश यात्रा शिप्रा नर्मदा तट पहुँची जहां कलशों में दोनों नदियों का पवित्र जल भरा गया। यात्रा के यज्ञ स्थल पहुचने पर श्री वेदमाता गायत्री की आरती की गई। दोपहर 330 बजे से प्रज्ञा पुराण कथा का वाचन प्रारम्भ हुआ। गायत्री परिवार के प्रमुख व आयोजन समिति से जुड़े शंकरलाल शर्मा, सिद्धार्थ सराठे, संजय सुनेरे ने बताया कि प्रतिदिन प्रज्ञा पुराण के माध्यम से व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण तथा राष्ट्र जागरण आदि पर प्रवचन के माध्यम से गायत्री परिजनों को जानकारी दी जायेगी । 15 अप्रैल को प्रात: श्री वेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरुदेव पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी, वन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं देवोआव्हन व पूजन के साथ गायत्री महायज्ञ प्रारंभ होगा जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा विश्व शांति, विश्व कल्याण एवं पर्यावरण संवर्धन हेतु यज्ञदेवता को आहुतियां प्रदान की जाएगी व दोपहर में प्रज्ञा पुराण कथा का वाचन, 16 अप्रैल को सोमवती अमावस्या के अवसर पर गुरु दीक्षा के साथ – साथ अन्य संस्कार भी होंगे। शाम को भव्य दीप महायज्ञ तथा 17 अप्रैल को गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात महाप्रसादी ( भण्डारे ) का आयोजन किया जाएगा । आसपास के समस्त श्रद्धालुओं से आग्रह है कि इस आयोजन में उपस्थित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करे ।