माँ हिन्दी के शब्दसूर्य थे श्री बालकवि बैरागी जी – शशिकान्त यादव

श्रद्धांजलि सभा संपन्न
देवास। श्री लक्ष्मी निवास पर कवि, साहित्यकार, राजनेता श्री बालकवि बैरागी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कलागुरु राजकुमार चंदन ने कहा कि बड़ा साहित्यकार, लोकप्रिय कवि होना बहुत छोटी बात है लेकिन निर्दोष कवि साहित्यकार होना बड़ी बात है। बैरागी जी आजीवन निर्दोष कवि साहित्यकार रहे।श्रद्धांजलि सभा का आयोजन श्री लक्ष्मी बाबूलाल पारमार्थिक ट्रस्ट द्वारा किया गया, जिसमें नगर के साहित्यकार , पत्रकार , समाज सेवी व राजनीतिक लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर अपने चहेते साहित्यकार व नेता को पुष्पों व शब्दपुष्पों से श्रद्धांजलि अर्पित की । श्रद्धांजलि देने वालों में देवास नगर के विक्रमसिंह गोहिल ,प्रेसक्लब के अध्यक्ष अनिल सिकरवार , हिमांशु राठौर बाबा, अनिता राजपूत , चेतन उपाध्याय , शायर नूह आलम(इंदौर) , कुलदीप रंगीला , मोना गुप्ता , सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफऱ , राधेश्याम पांचाल , देव निरंजन , राज इन्दौरी , शुभम जैन , राहुल यादव , मोहित श्रीवास , शशांक शर्मा प्रमुख थे । श्री बैरागी जी का देवास नगर से विशेष लगाव था , क्योंकि उनके गुरु गिरवर सिंह भँवर देवास के ही थे । सभी वक्ताओं ने उनसे जुड़े संस्मरण सुनाये । अंत में दो मिनिट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की गई ।
ट्रस्ट द्वारा श्री बालकवि बैरागी सम्मान से युवा कवि को सम्मानित किया जाता है, पिछले वर्ष यह सम्मान युवा कवि अशोक चारण को दिया गया था, वर्ष 2018 का यह सम्मान मथुरा के कवि मनवीर मधुर को प्रदान किया जाएग। सभा का संचालन शशिकान्त यादव ने किया, आभार सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफऱ ने व्यक्त किया।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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