देवास। 28 जून 2018 के समाचार पत्र के अंक में एक लेख छपा जिससे देवास ही नही ,प्रदेश ही नही संपूर्ण भारत के कबीरपंथी समाज आक्रोशित हुआ। क्योंकि उपरोक्त लेख में सद्गुरु कबीर साहब की वाणी को तोड़-मरोड़ कर, साहेब कबीर को चरसी (नशेड़ी) राक्षसी व् दानवी के रूप में प्रस्तुत किया गया। व् कबीर के अनुयायियों को बीड़ी, नशेड़ी व अन्य व्यसन करता बताते हुए अपमानित किया जिससे कबीरपंथियों का आक्रोश समाज को सड़क तक ला कर वातावरण बिगाडऩे का लेखक द्वारा सुनियोजित व कुत्सित प्रयास किया गया।
कबीरपंथी समाज के महंत श्री बालक दास साहेब, महंत श्री भेरुदास साहेब, महंत श्री निर्मलदास साहेब, महंत श्री परम मनोहर साहेब, महंत श्री रतन दास साहेब, महंत श्री धरमदास साहेब, महंत श्री प्रह्लाद दास साहेब, अनुराधा वर्मा, कांताबाई, बालकदास देवास, समंदरसिंह सोलंकी, रमेशचंद्र परमार, मदन लाल सोलंकी, सतीस साहेब, धन्नादास भगत, खरे साहेब, दयाराम सारोलिया, नारायण सिंह परमार, हेमराज परमार, इंद्रसेन राव निमोणकर ,सोहन लाल चौहान, राधाकिशन मटके वाले, आदि सेकड़ो कबीरपंथी समाज के लोग स्थानीय सोमेश्वर मंदिर से एम जी रोड़ होते हुए रैली के रूप में विरोध स्वरूप नारे लगाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुचे। जहाँ पर महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर के प्रतिनिधि को ज्ञापन दिया गया व एक ज्ञापन जिलाधीश के नाम नईदुनिया के संपादक, लेखक व कार्टूनिष्ट के खिलाफ सख्त कार्यवाही हेतु ज्ञापन दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन कबीरपंथी राधाकिशन सौलंकी, वाचन दरियाव सिंग मालवीय व अंत में आभार करण पोरवाल ने माना।