हेमाद्री स्नान कर बदला यज्ञोपवीत

देवास । रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सभी परिजनों ने हेमाद्रि स्नान अर्थात दस वस्तुओ से स्नान किया और अपने पूर्वजो, गुरु, मित्रो तथा अपने सगे सम्बन्धियो का तर्पण कर अपने नैतिक धर्म का पालन किया।
गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ पर सुबह 9 बजे से हेमाद्रि स्नान शुरू हुआ जिसमें भस्म, मिट्टी, गोमूत्र, गोबर, दूध, दही, घृत, शहद, तिल जव व कुशा आदि का प्रयोग वैदिक परंपरा के अनुसार हुआ। हेमाद्रि स्नान के बाद देव तर्पण, पितृ तर्पण किया । सभी परिजनों ने गायत्री महामंत्र के उच्चारण के साथ अपना पुराना जनेऊ बदल कर नया जनेऊ (यज्ञोपवीत ) धारण किया पश्चात ऋषि पूजन कर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ किया । सुखद वर्षा के लिए यज्ञ में विशेष आहूतियां दी गई। पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधों का वितरण किया गया । इसी क्रम में विजय नगर गायत्री प्रज्ञापीठ पर भी दुर्गा दीदी के मार्गदर्शन में कई परिजनों ने दस स्नान, तर्पण, नया यज्ञोपवीत धारण किया। कार्यक्रम में कई गांवों के परिजन सहित कैलाश सिंह ठाकुर, राजेन्द्र पोरवाल, राम निवास कुशवाह, गणेश प्रसाद व्यास, सुरेश बालपांडे, चन्द्रिका शर्मा, शेषनारायण परमार, हरिराम द्विवेदी, देवीशंकर तिवारी, मोहनलाल शर्मा आदि उपस्थित थे। श्रावणी उपाक्रम का संचालन वरिष्ठ परिजन शिवानन्द गिरी ने किया । प्रज्ञापीठ पर श्रावणी उपाकर्म का संचालन महेश आचार्य व ज्ञानदेव बोडख़े ने किया।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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