रचनाओं से जीता सैकड़ों श्रोताओं का मन
देवास नगर के राजकवि गोविंद राव झोंकरकर के शिष्य भजनकार रमेश भावसार की प्रेरणा और मार्गदर्शन में युवा कवि धीरज साहा के संयोजन में संस्था सिद्धेश्वर पुष्पकुंज कालोनी इटावा देवास के तत्वावधान में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
कवि सम्मेलन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि मात्र 16 वर्षीय युवा कवि धीरज साहा ने इसका संयोजन व संचालन किया और कवियों की टीम में अधिकांश युवा उभरते कवि थे । मंच के सबसे वरिष्ठ कवि की भूमिका में सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफऱ थे और सम्मान मूर्ति रमेश भावसार की पावन उपस्थिति रही। सर्वप्रथम चाँद अंजुम द्वारा माँ सरस्वती की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ।
राहुल यादव ने अपने जोशीले अन्दाज़ में ओज के छन्दों और रचनाओं से ख़ूब दाद बटोरी । हास्य का देशी कट्टा विकास बेहतरीन ने अपनी मालवी बोली की ज़ुबान से श्रोताओं को हँसा – हँसाकर लोटपोट कर दिया । एक और युवा कवि तेजपाल सिंह सिसोदिया ने राष्ट्र और मातृ पितृ भक्ति की रचनाओं से सबका मन जीत कर बता दिया कि आने वाला कल हमारा होगा ।
कवियत्री आरती अक्षय गोस्वामी ने भी काश्मीर समस्या एवं बेटियों की सुन्दर रचनाओं से ख़ूब तालियाँ बजवाई । धीरज साहा ने अपने चिर परिचित स्वर में नेता चालीसा का पाठ किया। गौरव जोशी ने व्यंगात्मक टिप्पणियां की, राजेश चौधरी ने भी अपने मालवी गीतों के माध्यम से श्रोताओं को बाँधे रखा । गीत गज़़लों की युवा शायरा चाँद अंजुम ने अपनी शायरी और तरन्नुम के ज़ादू से सबका दिल जीता । सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफऱ ने भी मंच पर विराजित कवियों की फऱमाईश पर दमदार दोहों से सबका ख़ूब मनोरंजन किया । दादा रमेश भावसार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने वाली रचना से समां बाँधा । सभी कवियों को प्रतीक चिन्ह व रमेश भावसार के भजन संग्रह की पुस्तक भेंट कर कार्यक्रम का समापन हुआ । कार्यक्रम के अंत में दादा रमेश भावसार का शाल श्रीफल, पगड़ी एवं प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया । कार्यक्रम में मनीष डांगी, देवेन्द्र भावसार, निलेश खरे, आदर्श भावसार, रितिक बोहरपी सहित बड़ी संख्या में रसिक श्रोता उपस्थित थे। समिति पदाधिकारियों द्वारा प्रथम प्रयास के अदभुत सफ़ल कवि सम्मेलन हेतु संयोजक एवं संचालक कवि धीरज साहा एवं सभी कवियों व श्रोताओं का आभार माना।