समाज को खोखला करने वाले नशासुर रावण का दहन किया
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर पर बासी दशहरे की संध्या पर नशासुर का आकर्षक पुतला बनाया जिसे भगवान श्रीराम एवं लक्ष्मण ने दहन किया।
गायत्री शक्तिपीठ जनसंचार विभाग के विक्रमसिंह चौधरी एवं विकास चौहान ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर पर बासी दशहरे की शाम को 07 बजे नशासुर रावण दहन आयोजन में भगवान श्रीराम के भजन राम को जब जब विपदा आई …कौन बचाने वाला …मेरा बजरंगी बाला….जैसे भजनों की बहुत ही मन मोहक प्रस्तुति दी गई । आयोजन में गायत्री परिजन धर्मेन्द्र कुशवाह एवं हजारीलाल चौहान ने रावण रूपी नशासुर का आकर्षित पुतला तैयार किया जिसमें रावण के दस सिरों को दस प्रकार के मादक वस्तुओं से बनाया गया जो सबके आकर्षण का केंद्र रहा साथ ही शक्तिपीठ के छोटे छोटे बच्चे प्रणव एवं युवराज भगवान श्रीराम लक्षमण बने जिन्होने नशासुर का वध कर दहन किया। इस अवसर पर उपस्थित परिजनों ने नशा मुक्ति का संकल्प लिया।
आयोजन में अतिथि वरिष्ठ परिजन देवीशंकर तिवारी, महेश आचार्य, ओ. पी. श्रीवास्तव आदि ने दशहरे पर्व की बधाई दी और भारत नशा छोडो अभियान पर प्रकाश डाला। आयोजन में सालिग्राम सकलेचा, मोहनलाल वर्मा, गणेशप्रसाद व्यास, चंद्रिका शर्मा, दिलीप सोलंकी, देवकरण कुमावत, निधि श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह पटेल, बख्तावरसिंह सोलंकी सहित कई परिजन उपस्थित थे।
नशासुर आयोजन का संचालन करते हुए युवा प्रकोष्ठ के प्रमोद निहाले ने कहा कि आज घर घर में छिपे नशा रूपी रावण को जलाना बहुत जरूरी है जो समाज को बर्बाद कर रहा है। आभार केशव पटेल ने माना ।