“मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि : JAM”

अब आप सोच रहे होंगे कि ये क्या चीज है ? आप में से बहुत से ऐसे होने जो यह नाम पहली बार सुन रहे होंगे. पर नहीं आप सभी इस JAM से अच्छी तरह परिचित है. JAM मतलब “जनधन, आधार, मोबाइल”.

मोदी सरकार ने इसी JAM की बदौलत पूरी व्यवस्था को बदल कर रख दिया. मोदी सरकार जब आई थी तब देश में आधी आबादी के पास बैंक अकाउंट नहीं था, जब मोदी सरकार ने जन धन अकाउंट खुलवाने की बात की तब इसका बहुत मज़ाक उड़ाया गया, विपक्ष कहता था, गरीब के बैंक अकाउंट खुलवा कर कौन सा बड़ा काम कर रहे है, गरीब जिसके पास खाने को दो वक़्त की रोटी नहीं है वो क्या बैंक में पैसा जमा करेगा. ऐसे अनेक तरह से इसका मज़ाक उड़ाया गया.

आपको जानकर आश्चर्य होगा, मोदी सरकार ने लगभग 34 करोड़ बैंक खाते पिछले साढ़े चार वर्षो में खुलवाए, और वर्ल्ड बैंक की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में जितने बैंक खाते खुले उतने अकेले भारत में खुले. आज भारत की 80% जनता के पास बैंक अकाउंट है, जो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है. यह वर्ल्ड बैंक की ताज़ा रिपोर्ट है.

जब मोदी जी अकाउंट खुलवा रहे थे, तब उन्होंने यह भी कोशिश की के ज्यादा से ज्यादा अकाउंट आधार नंबर और मोबाइल नंबर से जुड़े हों. आज आधार की जो क्रेडिट लेने वाले लोग है उन्होंने तो कभी इसका इस्तेमाल किया नहीं, जब मोदी सरकार ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए आधार और मोबाइल नंबर को बैंक अकाउंट से लिंक किया तो यही लोग आधार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.

आखिर आधार से इतनी दिक्कत क्यों हो गई इनको ? अब जो बताने जा रहा हूं वो जानकर आपके होश उड़ जायेंगे. मोदी सरकार ने आते ही ऐसी सारी सरकारी योजनाओ का रिव्यू करना शुरू किया जिसमें लोगो को सरकारी सहायता दी जाती थी. सरकार ने उन सभी योजनाओ को जन धन अकाउंट से जोड़ दिया, आज करीब 439 योजनाएं डीबीटी के माध्यम से जुड़ी हुई है.

आधार से कुछ लोगो को दर्द इसलिए है क्युकी इसके कारण सिस्टम से लगभग 8 करोड़ भूतिया लोगो का पता चला जो सरकारी योजनाओ का लाभ ले रहे थे. अब सोच के देखिए 8 करोड़ लोग जो कभी थे ही नहीं वो सरकार की तरफ से जारी पेंशन, सब्सिडी इत्यादि का पैसा ले रहे थे, कोई न कोई तो होगा ही न जिसकी जेब में ये पैसे जाते होंगे ? अब ऐसे लोग मोदी की तारीफ करेंगे क्या ?

JAM और डीबीटी के संयुक्त व्यापक इस्तेमाल से दिसंबर 2018 तक 1 वर्ष में 1.01 लाख करोड़ रुपए सरकार ने बचाए है, ये पैसा 2014 से पहले उन 8 करोड़ भूतिया लोगो, दलालों की जेबों में जाता था. JAM के कारण पिछले साढ़े चार वर्षो में लगभग 6.29 लाख करोड़ की सरकारी सहायता की राशि सीधे लाभार्थियों के जनधन खातों में/सामान्य खातों में पहुंचाई गई है. सरकार ने कच्चा बिल पक्का बिल वाली परंपरा को समाप्त कर दिया है, अब तो पैसे मिलते ही सीधे मोबाइल पर मैसेज आ जाता है.

आपको मालूम होगा पहले 1 रुपया दिल्ली से भेजा जाता था तो 15 पैसे ही गरीब की जेब तक पहुंचता था, ये बीच में 85 पैसे का घोटाला करने वालों का धंधा एक झटके में बंद हो जाए तो क्या ऐसे लोग मोदी सरकार की तारीफ करेंगे ? कल ही जब किसानो के लिए सबसे बड़ी योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए दिल्ली से भेजा गया 2000 रुपया किसानो के बैंक खाते में 1 मिनट से भी कम समय में पूरा 2000 पहुंच गया इसके पीछे मोदी सरकार के पिछले साढ़े चार वर्षो की मेहनत छिपी है.

यह दर्शाता है कि इस सरकार ने पूरी ईमानदारी के साथ, गरीबों के कल्याण के लिए, किसानो के कल्याण के लिए, देश के टैक्सपेयर्स के एक एक रुपए का सही इस्तेमाल किया है. मोदी सरकार ने देश की जनता को 5 वर्ष के कार्यकाल में सुशासन का माहौल देने की पूरी कोशिश की है.

इस सरकार ने पैसे बचाने के साथ साथ उसका सही इस्तेमाल किया है.

Post Author: Vijendra Upadhyay

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