व्हाट्सप के माध्यम से मिले 21 साल बाद कॉलेज के साथी

सन 1998 में साथ में पढ़ाई कर के.पी.कॉलेज देवास से सभी ने बी.एस.सी. पास किया था
देवास/ मनीष पाठक जो की आज के समय में सॉफ्टवेअर कम्पनी इंदौर में हेड हे उसके कुछ साथी स्कूल से आज तक उसके साथ है या किसी अन्य फिल्ड में कार्यरत है। उसे कई बार विचार आया की क्यों न किसी तरह से 1998 की बी.एस.सी. मेथ्स की बेच के बाकि साथीयो को ढूंढ कर गेट टू गेदर किया जाए। इस काम में उसकी मदद की गोपाल वर्मा जो की प्रायवेट बैंक में एम.पी. हेड है और अरविन्द जायसवाल जो की प्राइवेट कॉलेज में कार्यरत है।
तीनो ने मिलकर एक व्हाट्सप ग्रुप बनाया जिसका नाम रखा गोल्डन मेमोरीज 1995 -1998 जिसमे उन्होंने अपने साथियो को जोड़ना शुरू किया। जिसमे कुछ तो पहले से एक दूसरे के सम्पर्क में थे और कुछ सीधे 21 साल बाद सम्पर्क में आये। सभी ने व्हाट्सप ग्रूप के माध्यम से एक दिन मिलकर सेलिब्रेट करना तय किया। बाद में कुछ साथी निर्धारित समय और जगह पर पहुंचकर अपनी कॉलेज की 21 साल पुरानी यादो को ताजा किया। वैसे अभी यह ग्रुप और भी अपने दूसरे साथियो की खोज में लगा हे जो की कई सालो से संपर्क में नहीं हे और उन्हें भी किसी तरह इस मेमोरीज का हिस्सा बनाना चाहता हे। वैसे देखा जाये तो आज की टेक्नोलॉजी के उपयोग का यह सबसे बढ़िया और पॉजेटिव तरीका साबित होता हे।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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