“संघ को समझना है तो संघ की शाखा में आओ”- पूजनीय सरसंघचालक जी के इस कथन के अनुसरण में प्रख्यात पत्रकार श्री राहुल कंवल ने शाखा-दर्शन कर संघ को नजदीक से समझने का प्रयास किया और उनके इस प्रयास का चहुंओर से स्वागत-अभिनन्दन किया जाना चाहिए।
संघ आज विश्व का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन है जो पिछले 90 से अधिक वर्षों से राष्ट्र निर्माण के पवित्र कार्य में मौन तपस्यारत है। अतः देश के बुद्धिजीवियों को संघ के बारे में अपनी कोई भी निजी राय कायम करने से पहले चाहिए कि वे संघ को खुद समझें व इसके लिए बाहरी प्रचार-दुष्प्रचार पर निर्भर ना रहें।
आज देश में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा लाखों रचनात्मक कार्य किये जा रहे हैं। वनवासी बंधुओं से लेकर कच्ची बस्तियों तक और अस्पतालों से लेकर झुग्गियों तक संघ के हज़ारों प्रकल्प प्रत्यक्ष चल रहे हैं। संघ अपने कार्य का ना प्रचार चाहता है ना कोई पुरस्कार ही। क्योंकि संघ और उसका स्वयंसेवक मानता है कि यह देश हमारा परिवार है और परिवार की सेवा का अपना सुख है जो प्रचार और पुरस्कार से कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता।