सीवरेज योजना: काम से ज्यादा कमीशन पर ध्यान, चुनाव में सबक सिखाने की तैयारी में जनता
-कॉलोनियों मेें पसरे कीचड़ ने चंद कदम चलना भी कर दिया मुश्किल, रहवासियों में बढ़़ता जा रहा आक्रोश
देवास। करोड़ों की सीवरेज योजना भले ही कागजों पर शहरवासियों के लिए अच्छी हो लेकिन वास्तव में फिलहाल तो दु:खदायी ही साबित हो रही है। कॉलोनियों की हर गली में सडक़ पर कीचड़ पसरा है, पैदल व बाइक सवार फिसलकर गिर रहे हैं और जनप्रतिनिधि हैं कि उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। चंद दिनों में स्कूल खुलने वाले हैं, ऐसे में वाहन चालकों को भी परेशानी आना तय है वहीं हादसे की आशंका भी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि करोड़ों का बजट देखकर जनप्रतिनिधि कमीशन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं, इसके बजाय काम पर ध्यान देते तो आज यह हालत नहीं होती।
कीचड़ के कारण कई कॉलोनियां नरक बन गई हैं। चामुंडापुरी, अर्जुनगनर, मधुबन कॉलोनी, मिश्रीलालनगर एक्टेंशन सहित दर्जनों कॉलोनियों में लोग पैदल चलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालत है यह है कि पैदल चलने मेंं जूते-चप्पल टूट रहे हैं, कई लोग तो जूते-चप्पल हाथ में ही लेकर आना-जाना कर रहे हैं। रास्ते में कई बार पत्थरों, फर्शियों में पैर, जूते-चप्पल साफ करते हैं तब जाकर आगे बढ़ पाते हैं। सीवरेज की खुदाई के बाद मिट्टी से भराव करने के कारण जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं जिनमें वाहन फंस रहे हैं। घर-घर गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले रोजाना गाड़ी फंसने की समस्या से जूझ रहे हैं। सीवरेज में ठेकेदार कंपनी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ढीलपोल से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है और जनता अगले चुनाव में जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। मिश्रीलालनगर एक्सटेंशन के खुमान सिंह बैस, मोती बंगला के चेतन राठौर, मधुबन कॉलोनी के शैलेंद्रसिंह कुशवाह आदि ने बताया कमीशन मिलने के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी सधी हुई है, यह उनपर बहुत भारी पडऩे वाली है।