-युद्ध की गौरवगाथा जनमानस तक पंहुचाने के उद्वेश्य से निकाली जा रही यात्रा
-7 राज्यों से होते हुए 19 जनवरी को कोल्हापुर पहुंचेगी यात्रा
देवास। भारतवर्ष के इतिहास में 14 जनवरी 1761 में पानीपत का तीसरा युद्ध विगत तीन शतको के काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना है। यह देश की रक्षा के लिये किये गये महानतम संघर्ष की कहानी है। पानीपत के युद्ध की गौरवगाथा जनमानस तक पंहुचाने के उद्वेश्य से आगामी 7 जनवरी से कोल्हापुर, महाराष्ट्र से पानीपत तक शौर्य यात्रा निकाली जा रही है। शौर्य यात्रा के देवास आगमन, उद्वेश्य के प्रचार प्रसार हेतु गुरूवार को एक निजी होटल में प्रेस वार्ता आयोजित की गई है। प्रेसवार्ता में शौर्ययात्रा की व्यवस्था देख रहे अश्विन शिंदे कोल्हापुर, दिलीपसिंह जाधव देवास, आकाश मोरे सतारा, संतोष सावंत एवं संजय माळुसरे ने पत्रकारो से चर्चा कर सवालो के जवाब दिए।
शौर्य यात्रा व्यवस्थापक अश्विन शिंदे ने बताया कि यात्रा 10 जनवरी की शाम को देवास में प्रवेश करेगी और 11 जनवरी गुना के लिए प्रस्थान करेगी। पानीपत मराठो की वरिता का देश प्रेम की भावना का ज्वलंत इतिहास है। यह इतिहास जाग्रत हो, नई पीढी़ को इस सत्य इतिहास का ज्ञान हो इस पवित्र उद्देश्य से कोल्हापुर महाराष्ट्र से पानीपत-यह र्शोर्य यात्रा संकल्पित है। कोल्हापुर के इतिहास प्रेमियों ने यह अनुठा उपक्रम आरंभ किया है।
इस युद्ध में लडऩे के लिए मराठे जिन मार्ग से युद्ध भूमि पानीपत तक गये उसी मार्ग से यह अध्ययन यात्रा मार्गक्रमण करेगी। 7 जनवरी के दिन कोल्हापुर से यात्रा का प्रयाण होगा। मार्ग के जिन-जिन स्थानों पर अमर बलिदानी मराठी सेना का पडाव था, उन स्थानों पर इस र्शोर्ययात्रा के प्रतिभागियों को इतिहास के जानकार विव्दान पानीपत संग्राम की सुक्ष्म जानकारी प्रदान करेेंगे। उदगीर, परतुर, बुरहानपुर, देवास, गुना, ग्वालियर, कुरूक्षेत्र व अंत में र्शोर्यतीर्थ पानीपत में हमारा पड़ाव है।
इस यात्रा के संयोजक उदय मोरे ने भारत के स्वाभिमान को जनता से परिचित कराने का मानस संजौया है। 14 जनवरी 2020 को पानीपत में आयोजित भव्य, अव्दितीय कार्यक्रम में सहभागी होकर देश के इतिहास के कुछ पृष्ठ जानकर यह यात्रा कोल्हापुर महाराष्ट्र लौटेगी। दिनांक 07 से 14 जनवरी 2020 तक पानीपत र्शोर्यतीर्थ के दर्शन तथा लोटने में जयपुर, उदयपुर, बडौदा (गुजरात) एवं मुंबई इस मार्ग से सहभागी 19 जनवरी 2020 को कोल्हापुर पहुचेंगे। इस समग्र यात्रा के दौरान कोल्हापुर के युवक भारत भुषण धर्मेन्द्र राजाधिराज श्री छत्रपति शिवाजी महाराज के काल के मर्दाने खेलों का प्रदर्शन करेंगे। मराठा सेंनिको के मर्द मावळो के युद्ध कोशल का जीवंत प्रदर्शन आज के इस समय में आपको अपनी आंखो से देखने को मिलेगा। यह जानकारी यात्रा संयोजक रवि माने ने प्रदान की।
महाराष्ट्र व देश के अन्य प्रदेशों से अनेक इतिहास प्रेमी 14 जनवरी को प्रतिवर्ष पानीपत के पराक्रम तीर्थ पहुचते हैै। परंतु यह देशप्रेमी इतिहास,प्रेमी एक साथ एक विशिष्ट अनुभव के साथ देश के इतिहास से ऊर्जा ले यही इस यात्रा का उदेश्य है। इस यात्रा में मुंबई थाना, चिपळुन, कराड, सातारा, पुणे, औरंगाबाद, बीड़, सांगली व इचलकंरजी से उत्तम प्रतिसाद मिला है। यह यात्रा देश के 7 राज्यों में प्रवेश करेेेगी सही अर्थो में मध्य व उत्तर भारत को इतिहास के साथ अध्ययन कराने वाली यह अनुठी यात्रा है। श्रीमंत शिवाजी महाराज के स्वराज्य का देदिप्यमान इतिहास एवं पराक्रम हमारे मार्ग में आने वाले प्रत्येक गांव, नगर, शहर में जाग्रत हो उन स्थानों पर स्वराज्य प्रेम, देशभक्ति जाग्रत हो इस उद्देश्य से यह यात्रा आयोजित है। ऐसा प्रतिपादन संयोजक आर्किटेक्ट इंद्रजित नागेशकर ने किया है। इस यात्रा के संयोजक उत्तम फराकटे ने बताया कि यात्रा में सम्मिलित होने के लिए कोई भी भारतीय स्वयं के वाहन से अथवा अपने दल के साथ हमारे साथ भी सम्मिलित हो सकता है।