दो दिवसीय उस्ताद रजबअली खां-उस्ताद अमानत अली खां संगीत समारोह शुरू

देवास 08 जनवरी 2020/ मल्हार स्मृति मंदिर सभागार में बुधवार से दो दिवसीय उस्ताद रजबअली खां-उस्ताद अमानत अली खां संगीत समारोह शुरू हुआ। रात करीब 7.30 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में पहले दिन शास्त्रीय गायन व सितार वादन हुआ। उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी भोपाल की उपसंचालक श्रीमती वंदना पांडे व पंडित प्रभाकर कारेकर आदि ने दीप प्रज्वलन किया। पहली प्रस्तुति शास्त्रीय गायन की हुई। मुंबई के पंडित प्रभाकर कारेकर ने सुमधुर गायन प्रस्तुत किया। राग भोपाली से शुरुआत की। विलम्बित और द्रुत लय में बन्दिशें सुनाई। आखिर में भजन पेश क़िया। तबले पर इंदौर के हितेन्द्र दीक्षित व हारमोनियम पर डॉ विवेक बंसोड़ ने संगत की। गायन के बाद सितार के स्वर गूंजे । अहमदाबाद की सितार वादिका डॉमंजू मेहता ने प्रस्तुति दी। रागों को तारों से छेड़कर माहौल खुशनुमा किया। आलाप जोड़ झाला की प्रस्तुति दी। तबले पर हितेन्द्र दीक्षित ने उम्दा संगत की और लयबद्ध सुरो को ताल से थामे रखा। उपस्थित लोगों ने तालियां बजकर कलाकार को सम्मान दिया। बड़ी संख्या में संगीतरसिक कार्यक्रम में पहुंचे और संगीत का लुत्फ लेकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था की गई। समारोह का समापन 9 जनवरी को होगा। अंतिम दिन दिनांक 9 जनवरी को कोलकता की गायक कलाकार प्रभुति मुखर्जी प्रस्तुति देंगी। कार्यक्रम में मिताजी-तेजस विंचूरकर मुंबई जुगलबंदी (तबला और बांसुरी) पर करेंगे। कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने आमजन से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में संगीत समारोह में आकर इसका आनंद लें।
उस्ताद रजब अली खां-अमानत अली खां स्मरण संगीत में पधारे दोनों कलाकारों पंडित प्रभाकर कारेकर व डॉ. मंजू मेहता संगीत की दुनिया में ख्यात नाम हैं
पंडित प्रभाकर कारेकर भारतीय शास्त्रीय संगीत पटल पर एक सुप्रसिद्ध गायक कलाकार है। मूलत: गोवा के पंडित कारेकर जी ने अपने गुरु स्वर्गीय पंडित सुरेश हलदनकर जी से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की। वे आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से भी जुड़े रहे हैं। पंडित प्रभाकर कारेकर ने अपनी संगीत यात्रा के दौरान दुबई, दोहा, बहरीन, कुवैत, यूएसए, यूके, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और खाड़ी देशों में अपनी संगीत प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वयं को भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्थापित किया है।
सितार वादक डॉ. मंजू मेहता रेडियो एवं टेलीविजन की सतत उच्चतम श्रेणी की कलाकार है। देश-विदेश में शीर्षतम समारोहों में उन्होंने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति से जबरदस्त वाहवाही हासिल की है। आपके संगीत की वास्तविक सुंदरता आपकी भक्तिमय प्रस्तुतियों में सहज की दृष्टय हैं। डॉ. मंजू मेहता जी की प्रस्तुतियों में रचनात्मकता व उनमें निहित भाव, उनकी धुन की मधुरता से कही अधिक है। इनमें विस्तृत अलाप के साथ ही पारखी मंत्रों का समावेश होता है। उन्होंने अपनी संगीत यात्रा के दौरान देश के कोने-कोने में प्रस्तुतियां दी है। इसके अलावा विदेशों में आस्ट्रेलिया, यूएसए तथा यूरोप में भी प्रस्तुतियां दी तथा अपनी संगीत की अमिट छाप छोड़ी।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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