उस्ताद रजबअली खां-उस्ताद अमानत अली खां संगीत समारोह का हुआ समापन

तबला और बांसुरी की जुगलबंदी से झूम उठे श्रोता
देवास 09 जनवरी 2020/ मल्हार स्मृति मंदिर सभागार में चल रहे उस्ताद रजबअली खां-उस्ताद अमानत अली खां संगीत समारोह का गुरूवार को समापन हुआ। अंतिम दिन दो प्रस्तुतियां हुई। पहली प्रस्तुति में मुंबई के मिताली- तेजस विंचूरकर जुगलबंदी तबला और बांसुरी पर हुई। तबला और बांसुरी की जुगलबंदी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रोताओं ने तबला व बांसुरी की जुगलबंदी को करतल ध्वनि के साथ सराहा । इसके पश्चात कोलकता की गायक कलाकार प्रभुति मुखर्जी ने गायन की प्रस्तुति दी। उन्होंने अपनी विशिष्ट गायकी से श्रोताओं का दिल जीता। उनके साथ हारमोनियम पर जितेन्द्र शर्मा और तबले पर मनोज पाटीदार ने संगत की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
उस्ताद रजब अली खां-अमानत अली खां स्मरण संगीत में पधारे कलाकारों प्रभुति मुखर्जी व मिताली-तेजस विंचुरकर संगीत की दुनिया में ख्यात नाम हैं
तेजस विंचुरकर का जन्म ऐसे घर में हुआ जिसे हम संगीत का आध्यात्मिक घर कह सकते हैं। तेजस विंचुरकर देश-विदेश में कई संगीत में कार्यक्रम किए हैं। तेजस ने पद्मश्री कैलाशखेर, पद्मश्री पंकज उदास, सोनू निगम और कई अन्य कलाकारों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया है। 100 से अधिक फिल्मों में बांसुरी का वादन का जादू बिखेरा है। जी सारेगामा, इंडियन आइडल और कहीं संगीत के शो का जाना माना चेहरा है। एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और संगीत के सभी शैलियों में अच्छा दखल रखते हैं। श्रीमती मिताली विंचूरकर तबला वादन में अपने परिवार की पांचवी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करतीहै। सभी घरानों का प्रतिबिंब इनकी वादन शैली की विशेषताएं है। उन्होंने अनेक महान कलाकारों के साथ काम किया है। श्रीमती मिताली इंदौर के शासकीय संगीत महाविद्यालय में तबले की प्रशिक्षक भी रही है। गायक कलाकार प्रभुति मुखर्जी भारतीय शास्त्रीय संगीत पटल पर एक सुप्रसिद्ध गायक कलाकार है। प्रग्या संगीत अवार्ड, गीतोश्री, सुरोश्री, माइकल मधुसूदन अवार्ड, संगीत शिरोमणि अवार्ड के साथ ही राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हाथों से राष्ट्रपति अवार्ड भी प्राप्त कर चुकी है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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