प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी की अध्यक्षता में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न

-सभी जनप्रतिनिधि एक परिवार की तरह हैं जिला योजना समिति में दलगत भावना से उठकर जिले के विकास की बात हो- प्रभारी मंत्री श्री पटवारी

-जिले में प्रथम चरण में 30 गौशालाओं का निर्माण जारी, गौशालाओं के निर्माण होने से 03 हजार गायों की हो सकेंगी चारा पानी व देखभाल की व्यवस्था

देवास 21 जनवरी 2020/ जिले के प्रभारी व प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न हुई। प्रभारी मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा कि जिला योजना समिति की बैठक में सभी जनप्रतिनिधिगण हमारे लिए एक परिवार की तरह हैं। जिला योजना समिति जिले के विकास से संबंधित कार्यों पर चर्चा का मंच है। इस मंच पर सभी जनप्रतिनिधियों को मिलजुलकर जिले के विकास के लिए दलगत भावना से उठकर बात करनी चाहिए। बैठक में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन तथा अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग अंतर्गत अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित गतिविधियों एवं कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।
बैठक में सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, विधायक देवास श्रीमती गायत्रीराजे पवार, विधायक हाटपीपल्या मनोज चौधरी, विधायक खातेगांव आशीष शर्मा, विधायक बागली पहाड़सिंह कन्नौजे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नरेंद्रसिंह राजपूत, मंत्री प्रतिनिधि श्री मनोज राजानी, उपाध्यक्ष श्री दौलत तंवर, कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतु, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती शीतला पटले, वन मंडलाधिकारी श्री पीएन मिश्रा, एडीएम श्री नरेंद्र सूर्यवंशी के अलावा समिति के अन्य सदस्यगण व विभिन्न विभागों के जिला अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक के प्रारंभ में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत निर्माण व संधारण कार्यों की समीक्षा की गई। बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में वर्तमान स्थिति में 500 की संख्या तक के सभी ग्रामों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ दिया गया है एवं जिन ग्रामों की जनसंख्या 250 से 500 के मध्य हैं, उन्हें मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत ग्रेवल स्तर के मार्ग का‍ निर्माण कर जोड़ा गया है। लेकिन अब ऐसे मार्गों पर मध्यप्रदेश रूरल कनेक्टिविटी प्रोग्राम वर्ल्ड बैंक के वित्तीय सहयोग से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत डामरीकरण किया जा रहा है। बैठक में शिप्रा से टिगरिया मार्ग सहित कई सड़कों के काम अधूरे होने या काम में देरी होने मामला भी उठाया गया। प्रभारी मंत्री श्री पटवारी ने निर्देश दिए कि जिले में प्रगतिरत सभी सड़कों का विस्तृत जानकारी संबंधित क्षेत्र के विधायक को दी जाए। वहीं ठेकेदारों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी भी दी जाए। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत जिले में अब तक कुल 383 सड़क मार्ग स्वीकृत हुई थी, जिनमें से 357 सड़क मार्ग के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 35 सड़कें प्रगतिरत है। मप्र रूरल कनेक्टिड़विटी प्रोग्राम अंतर्गत 121 सड़क मार्ग स्वीकृत हुए थे, जिनमें से 59 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 27 सड़क मार्ग प्रगतिरत है। इसके अलावा अन्य मदों में 22 सड़क मार्ग स्वीकृत हुए थे, जिनमें से 14 सड़क मार्ग पूर्ण कर लिए गए है तथा 08 का काम प्रगतिरत हैं।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई। बैठक में स्कूलों के भवन के जीर्ण-शीर्ण होने, स्कूलों के शिक्षक विहीन होने, छात्रावासों में टायलेट की स्थिति खराब होने के मामले उठाये गए। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय को विधायकों के साथ शिक्षा विभाग के साथ बैठककर समीक्षा करने तथा शिक्षक विहीन शालाओं में शिक्षकों की व्यवस्थात करने हेतु दिशा निर्देश दिए। बैठक में ग्राम हिरली के स्कूल का माध्यमिक शाला में उन्नयन करने, ग्राम मानपुर माध्यमिक स्कूल का हाईस्कूल में उन्नयन कराये जाने व ग्राम नखेड़ी के बंद पड़े स्कूल की जांच कराये जाने का मामला भी रखा गया। बागली विकासखंड में ट्राइबल होस्टल का विधायक बागली के औचक निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिति कम मिलने का मामला भी उठाया गया। प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि हॉस्टल का विधायक की उपस्थिति में निरीक्षण कर वास्तविक रिपोर्ट भिजवाना सुनिश्चित करे। इसके अलावा छात्रावासों में ठंड के दिनों में गरम पानी की व्यवस्था न होने की समस्या उठाई गई। प्रभारी मंत्री पटवारी ने छात्रावासों में सोलर पैनल लगाये जाने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
महिला एवं बाल विकास विभाग में नए आंगनवाड़ी केंद्रों के खोलने संबंधी दिशा निर्देशों के पालन की समीक्षा की गई तथा ‍निर्देश दिए गए कि नये केंद्रों को खोलने का तय मानकों के आधार पर परीक्षण कर लिए जायें और फिर प्रस्ताव भिजवाया जाए। इनमें जनप्रतिनिधियों की प्रस्ताव भी शामिल की जाए। बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्तियों में देरी का मामला भी उठाया गया। प्रभारी मंत्री श्री पटवारी ने नियत समय सीमा में प्रक्रिया को पूरा करते हुए नियुक्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने हेतु आग्रह किया। ताकि व्यवस्थाओं चुस्त-दुरूस्त किया जा सके।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। जिला चिकित्सालय में प्रसूति सहायता योजना अंतर्गत प्रसूता महिलाओं को एक-एक साल तक पैसे न मिलने की शिकायत पर चर्चा की गई। इस संबंध में बताया गया कि गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तत्कालिन एकाउंटटेंट को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया है। प्रभारी मंत्री ने प्रसूति सहायता योजना में लंबित सभी मामलों में तेजी से भुगतान कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। बैठक में ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी की समस्या से भी अवगत कराया गया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की ड्यूटी सप्ताह में एक या दो दिन के लिए लगाई गई है, उन केंद्रों में संबंधित डॉक्टर उपस्थित हो यह सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही बागली, कन्नौद, खातेगांव के स्वास्थ्य केंद्रों में रैबीज वैक्सीन के इन्जेक्शनों की कमी की शिकायत पर प्रभारी मंत्री ने मांग अनुसार संख्या में आपूर्ति के निर्देश दिए।
बैठक में पशु चिकित्सा विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। बताया गया कि जिले में प्रथम चरण में 30 गौशालाएं स्वीकृत की गई है। इनमें से 20 गौशालाओं का ‍निर्माण 15 फरवरी 2020 तक हो जाएगा। प्रत्येक गौशाला में 100 गायों के लिए चारा पानी व देखभाल की व्यवस्था हो सकेगी। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिले में 30 गौशालाओं के निर्माण पर 3 हजार गौशालाओं की देखभाल की व्यवस्था इस वर्ष हो सकेगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि वे एक बार गौशालाओं को निरीक्षण जरूर करे और यदि कोई सुझाव हो तो अवगत कराये। बैठक में बताया गया कि द्वितीय चरण में जिले में 90 गौशालाओं की स्वीकृत हुई है। प्रभारी मंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी नवीन गौशालाओं के लिए अपनी ओर से प्रस्ताव भिजवाने का अनुरोध किया।
बैठक में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग अंतर्गत मप्र आकस्मिकता योजना नियम 1995 अंतर्गत राहत राशि वितरण की समीक्षा की गई। बताया गया कि जिले में कुल 168 प्रकरणों में 01 करोड़ 83 लाख 75 हजार रुपए की राहत राशि स्वीकृत की गई है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

Leave a Reply