देवास, 24 नवम्बर 2020/ कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला के मार्गदर्शन में विश्व एंटीबायोटिक जागरूकता कार्यक्रम अंतर्गत मीडिया कार्यशाला का आयोजन जिला अस्पताल परिसर जीएनएम प्रशिक्षण केन्द्र मीटिंग हाल में किया गया। मीडिया कार्यशाला में सीएमएचओ डॉ.एमपी शर्मा ने एंटीबायोटिक के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रीकांत उपाध्याय, सिविल सर्जन डॉ. अतुल कुमार बिडवई, डॉ. एमएस गौसर, डॉ. एस.एस. सिसोदिया, मीडियाकर्मी एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सीएमएचओ डॉ.एमपी शर्मा ने बताया कि आम नागरिक बिना डॉक्टर के परामर्श के एन्टीबॉयोटिक दवाओं का उपयोग न करें। प्राय: यह देखा गया है कि आम नागरिक बिना डॉक्टर के परार्मश के मेडिकल स्टोर से एन्टीबॉयोटिक दवाए खरीदते है। आम नागरिकों से अनुरोध है कि डॉक्टर के परामर्श के बाद ही एन्टीबॉयोटिक दवाओं का सेवन करें। एन्टीबॉयोटिक दवाओं का अत्यधिक उपयोग, एक साथ कई एन्टीबॉयोटिक दवाओं का सेवन करने से एन्टीबॉयोटिक दवाऐं बेअसर हो जाती है। उन्होंने बताया कि एन्टीबॉयोटिक प्रतिरोध जलवायु परिवर्तन की तरह ही गंभीर समस्या के रूप में तेजी से उभर रहा है। एन्टीबॉयोटिक दवाऐं जब रोगाणुओं पर बेअसर हो जाती है उस स्थिति में रोगाणुओं को खत्म करना मुश्किल हो जाता है। इसके अतिरिक्त पशुओं व कृषि क्षेत्र में भी एन्टीबॉयोटिक दवाओं का उपयोग तेजी से बढ रहा है जिसके कारण एन्टीबॉयोटिक दवाऐं बेअसर होती जा रही है।

सीएमएचओ डॉ.एमपी शर्मा ने बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ. द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में पूरे विश्व में एन्टीबामाईक्रोबियल प्रतिरोध के कारण 07 लाख मौते प्रतिवर्ष होती है, यदि इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाऐ गए तो यह आंकडा वर्ष 2050 तक 01 करोड़ प्रति वर्ष पहुंच सकता है। भविष्य में परिलक्षित होने वाले गंभीर परिणामों को देखते हुए मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत दो वर्षो से सतत प्रयास किये जा रहे है, जिसके परिणाम स्वरूप विभाग द्वारा 2018 में एन्टीबॉयोटिक पॉलिसी का निर्माण किया गया। इस पॉलिसी को स्वास्थ्य विभाग एवं एम्स भोपाल के सयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है। इस क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों का विस्तार करते हुऐ अन्य विभागों को भी सम्मिलित करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन्टीमाईक्रोबियल रेजिस्टेन्स की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय एक्शन प्लान का निमार्ण किया गया है। जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में एन्टीबॉयोटिक दवाओं के अनियंत्रित उपयोग की रोकथाम एन्टीबॉयोटिक दवाओं के उपयोग संबंधी विभाग वार दिशा निर्देश व विभिन्न स्टेट एवं जन समुदाय में जागरूकता लाने के लिए निति तय करना है।