नितिन सोनी, देवास
आज COVID19 के चलते निश्चित देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है और ये भी सत्य है कि इस महामारी के बाद इससे उबरने में समय भी उतना अधिक लगेगा ऐसे में उद्योग जगत ही एक ऐसा जरिया है जो देश की अर्थव्यवस्था को बहुत कम समय मे पटरी पर ला सकता है । ” इम्पोर्ट कम और एक्सपोर्ट ज्यादा ” फिर वो MSME हो या लार्ज स्केल यूनिट्स, MSME पर जोर ज्यादा इसलिए दिया गया है क्योंकि छोटे उद्योग कम इंफस्ट्रक्चर के साथ कम लागत के साथ चालू किया जा सकता है और आज कल की युवा पीढ़ी का निश्चित इस ओर रुझान ज्यादा हो रहा है जो इस देश के लिए प्लस पॉइंट है।
आत्म निर्भय भारत अभियान लाकर मोदी जी ने साबित कर दिया कि इस महामारी के बाद जो स्थिति निर्मित होने की संभावना थी उसे निपटने की व्यवस्था पहले ही तय कर दी देश के युवाओं को रोजगार और वोभी जो विदेश से अब भारत आये है उन्हें भी सीधा न्योता अपने वतन में बसने का साथ ही जरूरतमंदों को रोजगार के साधन भी इतने समय बाद लॉक डाउन खुलने के साथ ही वस्तुओं की मांग में तेजी आना तय है अब जब पूरा विश्व इस कोरोना संकट से जूझ रहा है तो निश्चित है वहा भी कारोबार / उद्योग प्रभावित हुए होंगे , तो ऐसे में वस्तुओं की पूर्ति कैसे हो सकती है अब अगर वह प्रोडक्ट हमारे देश मे निर्मित होंगे तो मांग की पूर्ति तो होगी ही रोजगार के साधन भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध होंगे।
अब देखिए कि अगर उद्योग भरपूर मात्रा में उत्पाद करेंगे तो प्रोडक्ट उतनी अधिक मात्रा में एक्सपोर्ट किये जायेंगे जिससे बाहर का पैसा देश मे आएगा तो हमारी अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार आएगा साथ ही आयात भी कम होगा तो देश का पैसा देश के काम आएगा।
में एक छोटा उद्योगपति होने के नाते मोदी सरकार की इस पहल का स्वागत करता हूं।