मेनका गांधी को जब घर से निकाल दिया था, तब नारी सम्मान कहा गया था?

नितिन सोनी, देवास

प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस पर कोंग्रेसी उत्तेजना से भरपूर भाजपा सरकार को दोष दे रहे है कि एक नारी का सम्मान करते नही आता उसे बंगला खाली करवाया जा रहा है ! इधर प्रियंका भी कह रही है में इंदिरा गांधी की पोती हु डरने वाली नही !

पर इनकी दादी की कहानी भी सुन लो जिसने संजय गांधी कर मरने के बाद उनकी पत्नी मेनका गांधी को बेइज्जत करके घर से निकाल दिया था जबकि वो उस समय अकेली थी क्या उस समय किसी को नारी के सम्मान की याद नही आई थी । आज उसी सोनिया गांधी को प्रियंका का बंगला खाली करना नागवार लग रहा है जिस सोनिया ने इंदिरा गांधी के साथ षड्यंत्र रचा कर मेनका गांधी को घर से भगवाया था।

एक समय गांधी परिवार के करीबी रहे लेखक शुखवंत सिंह की किताब “सच प्यार और थोड़ी सी शरारत” में इस मुद्दे पर कई राज खोले है जिसमे यहां तक बताया गया कि जब मेनका गांधी अपना सामान ट्रक में रखवाकर कर घर से जा रही थी तो इंदिरा गांधी ने उनके सामान की तलासी लेने तक का बोल दिया था जिस पर मेनका गांधी ने हा करते हुए बीच सड़क पर तलाशी लेने को कहा था ताकि इंदिरा गांधी की इन हरकतों को मीडिया देख सके।

जब गांधी परिवार सगी बहु का न हुए तो फ़ी सरकार का तो इनसे कोई नाता ही नही न ही प्रियंका के पास कोई बड़ा पद है तो सरकारी बंगला किस लिए दिया जाय ? इतनी घटिया हरकत करने वाली दादी है और उसकी पोती हर बात में दादी के नाम को टांग के घूमती रहती है अरे देश को सबकी औकात पता है कि दादी क्या थी दादा क्या थे माँ क्या है भाई क्या है।

Post Author: Vijendra Upadhyay