उपवासों पर दृष्टि डालें तो सभी उपवासों का एक ही उद्देश्य प्रतीत होता है कि मानव को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखा जाए। सारी शारीरिक समस्याओं की जड़ पेट होता है अर्थात यदि पेट की पाचन क्रिया दुरुस्त है तो शरीर व्याधि रहित रहता है। उसे ठीक रखने के लिए समय-समय पर उपवास करना सर्वोत्तम माना गया है, फिर चाहे उपवास किसी भी धर्म संस्कृति या त्याहारों के रूप में हो।
इन उपवासों से इंसान के शरीर में सहन शक्ति का संचार होता है। उपवास मे हम सिर्फ फलाहारी ओर सात्विक भोजन ग्रहण करते है जो हमारी आत्मा को भी शुद्ध करता है। हम हमारी आस्था अनुसार जो उपवास करते है वह भी एक तपस्या का रूप है, जिसका फल भी हमे पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करता है।