सूर्य की पूजा का महत्व

रोज सवेरे सूर्य की पूजा अर्थात सूर्य नमस्कार के साथ जल अर्पित करने को हमारे धर्म ग्रंथों में महत्वपूर्ण बताया गया है। सूर्योदय के समय जो किरणें हमारे शरीर पर पड़ती हैं वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। इसलिए हमारे पूर्वजों ने इन किरणों से मानव को स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सूर्य को देवता के रूप में प्रस्तुत किया और रोज सवेरे स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्योदय के समय में जल अर्पण करने का प्रावधान किया है।
भगवान सूर्य देव को ताम्बे के पात्र से अर्ध्य दे और निम्न मंत्र का जाप करे :

ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।

ॐ सूर्य देवाय नमः ।।

ॐ भास्कराय नमः ।।

ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा : ।।

उपरोक्त मंत्र सूर्य के जल चढाते समय सीधे आपकी पूजा को सूर्य भगवान तक ले जाते है और आप उनकी कृपा के पात्र बनते है |

Post Author: Vijendra Upadhyay

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