मोहन वर्मा-
देवास टाईम्स. कॉम
बरसात में बयानों की झड़ी
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शहर में राजनीति की कड़ी में यकायक उस वक़्त उबाल आया जब भर बरसात के मौसम में पानी की जगह बयानों की बरसात नज़र आने लगी और दोनों दलों के नेताओं के बयानों की झड़ी से दल दल भी नज़र आने लगा ।
झड़ी की शुरुवात दो दिन पहले तब हुई जबकि अंतिम स्थल पर एक शव का अंतिम संस्कार शेड की जगह ज़मीन पर करना पड़ा था जिस पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मनोज राजानी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि भाजपा नेताओं में न संवेदना बची है और न काम करने की इच्छाशक्ति । महापौर को आड़े हाथों लेते हुए राजानी ने तो यहां तक कहा कि जो अंतिम क्रिया की व्यवस्था भी नही करवा सकते उनसे दूसरी सुविधाओं की उम्मीद बेमानी है । यदि निगम के पास फंड नही है तो मुक्तिधाम के विकास के लिए मैं रुपये देने को तैय्यार हूँ ।
बयान पर महापौर की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई । महापौर सुभाष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेता शवो पर राजनीति कर रहे है वे तो रोज़ सुबह उठकर अगरबत्ती लगा कर बैठते है कि कोई घटना दुर्घटना हो तो उनकी राजनीति की दुकान चले ।
अब बारी राजानी की थी । महापौर पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि महापौर का बयान हास्यास्पद और ओछी मानसिकता का परिचायक है ।वे उलजुलूल बयानबाजी कर कांग्रेसियों को कोसने की जगह अपने कर्त्तव्यों का पालन करें तो जनता का भला हो जाएगा ।
पूर्व महापौर कांग्रेसी नेता जयसिंह ठाकुर ने भी सीवरेज पर महापौर को घेरते हुए कहा कि निगम में आज अराजकता का माहौल बन गया है ।
अब ये देखना मज़ेदार है कि बयानों की ये बरसात थमती है या दोनों दलों के बयानवीरों के बयानों की झड़ी से दल दल और बढ़ेगा ।।