हाटपीपल्या में जीत के बाद राज परिवार का दबदबा बढ़ा

  • सिंधिया के निर्देश पर समर्थक निरंजनसिंह सेंगर सैकड़ों समर्थकों के साथ पैलेस पहुंचे व किया विधायक पवार का अभिनंदन

देवास/सोनकच्छ। हाटपीपल्या विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी की एतिहासिक जीत के बाद देवास राज परिवार से जुड़ी विधायक गायत्रीराजे पवार का भाजपा की राजनीति में तेजी से दबदबा बढ़ा है। इस बार हाटपीपल्या चुनाव में राज परिवार के दो सदस्य श्रीमती गायत्रीराजे पवार व उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार पूरी ताकत के साथ मैदान में डटे हुए थे और इसी का परिणाम रहा कि भाजपा प्रत्याशी को एतिहासिक जीत मिली। चूंकि भाजपा प्रत्याशी मनोज चौधरी ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से आते है और देवास रियासत के पवार परिवार व सिंधिया के पारिवारिक संबंध है। लिहाजा सिंधिया ने भी इस जीत का श्रेय देवास राज परिवार को दिया है।

बताया जा रहा है कि दो दिन पूर्व सिंधिया ने ही उनके खास समर्थक सोनकच्छ के नेता निरंजनसिंह सेंगर को निर्देशित किया था कि वे हाटपीपल्या की जीत पर देवास विधायक गायत्रीराजे पवार व उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार का देवास पहुंचकर अभिनंदन करें। लिहाजा सेंगर ने अपने नेता के निर्देश पर स्व. तुकोजीराव पवार की जयंती के अवसर पर मंगलवार को सुबह 11 बजे सोनकच्छ से 100 से अधिक वाहनों में अपने सैकड़ों समर्थकों के काफिले के साथ देवास पहुंचकर आनंद भुवन पैलेस पर विधायक गायत्रीराजे पवार व उनके पुत्र विक्रमसिंह पवार का पूरे जोश के साथ अभिनंदन किया और हाटपीपल्या जीत पर आभार व्यक्त किया। इससे पहले सेंगर ने अपने सैकड़ों वाहनों का काफिला देवास के मुख्य मार्ग पर निकालकर अपनी ताकत दिखाई। इस दौरान आनंद भुवन पैलेस पर सांसद महेंद्र सोलंकी, जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत, पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा, राजेंद्र मोडरिया, देवीसिंह गोहिल, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा, शशिकांत यादव सहित कई भाजपा नेता उपस्थित थे।

इस अवसर पर सोनकच्छ से आए सेंगर समर्थकों ने भाजपा की सदस्यता भी ग्रहण की। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले समाजसेवी भंवरलाल जाधव, लक्ष्मीनारायण शर्मा, राजु पाटोदी, पवनदीपसिंह सबरवाल सहित सैकड़ों लोगों का विधायक पवार ने भाजपा का दुपट्टा गले में डालकर स्वागत किया। सेंगर की भाजपा में इंट्री के बाद अब सोनकच्छ में भी भाजपा का वर्चस्व बढ़ सकता है। साथ ही राज परिवार अपना निशाना सोनकच्छ में साध सकता है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस की झोली में गई सोनकच्छ की सीट अगले चुनाव में भाजपा को पुन: मिल सकती है।

Post Author: Vijendra Upadhyay