प.एल. एन. शास्त्री, देवास
*अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना के साथ होगा गणपति विसर्जन*
इस बार चूंकि 11 दिन गणेश विराजें तो विसर्जन 5 सिंतबर को संपन्न होगा। विसर्जन के समय किसी नदी या तालाब या समंदर में गणेश प्रतिमा को विसर्जित कर उनसे अगले बरस आने की प्रार्थना की जाती है। विसर्जन करते समय आरती की जाती तथा इसके बाद एक लाल कपड़े में गुड़ और पांच लड्डू को उस कपड़े में बांधा जाता है। इस कपड़े को गणेश जी के हाथ में बांधा जाता है जिसका मतलब होता है कि उनकी यात्रा के लिए खाना तैयार किया गया है। उसके बाद मंत्र्त्रोच्चारण के बाद गणेश प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है।
*गणेश विसर्जन के शुभ मुहुर्त*
सुबह का मुहूर्त (चार, लाभ, अमृत) – 09:33 बजे- 14:11 अपराह्न
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) – 15: 44 बजे- 17:15 बजे
शाम का मुहूर्त (प्रयोग) – 20:17 अपराह्न – 21: 43 बजे
रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चार) – 23:12 बजे