शिवराज जी आप बताए कि आपने अतिथि शिक्षकों के लिए क्या किया? वर्षों तक उन्होंने अल्प वेतन पर अपनी सेवाएं प्रदान की जिस में भी वेतन अवकाश वाले दिन का नहीं मिलता था 3 महीने बेरोजगार भटकना पड़ता।
जब काम पड़ा यह बुला लिया और जब नहीं जरूरत है तो उसे भगा दिया गया क्या यही न्याय हैं?
हमने आपको मामा शब्दों से संबोधित किया है तो कम से कम आप मामा होने का फर्ज तो अदा कीजिए अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय तो मत कीजिए।
नियमितीकरण के लिए जो बोनस अंक आप ने दिए थे पूर्व में वह वापस लेकर 25% पद पर आरक्षण दे दिया जिसमें आप ही बताइए कि कितने अतिथि शिक्षक लाभान्वित हुए हैं।
10 वर्षों तक लगातार सेवा देने के बाद एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद भी अतिथि शिक्षक का मात्र 3,4 नंबर के कारण चयन नहीं हो पाना यह बड़ी दुख की बात है और अनुभवी अतिथि शिक्षकों के लिए जो 25% पद आरक्षण वाली नीति है बहुत ही गलत साबित हुई है जिससे कि कई अतिथि शिक्षक जो वर्षों से बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे थे आज वह बेरोजगार हो गए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय विभाग तो कम से कम समझे अपने कर्मचारियों की व्यथा जिन्होंने वर्षों तक बहुत ही अल्प वेतन पर कार्य कर सरकार के लाखों – करोड़ों रुपए बचाए है आज वही नुमाइंदे बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।
लोक शिक्षण संचनालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों उसे विनम्र अनुरोध है कि जो अतिथि शिक्षक वर्षों से कार्यरत है और जिसने पात्रता परीक्षा पास कर ली है उनके लिए अति शीघ्र नियमितीकरण की पॉलिसी बना कर उनका भविष्य सुरक्षित करें।
और जो वर्षों से कार्यरत होने के बावजूद पात्रता परीक्षा पास ना कर पाए उनके लिए भी विभागीय पत्र परीक्षा आयोजित करा कर उनका भविष्य उज्जवल करें।
कपिल मोदी
अतिथि शिक्षक, देवास