प्रेस क्लब देवास की धार्मिक यात्रा

– महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास

देवास। देवास प्रेस क्लब पत्रकारो की सबसे पहली ओर संगठित संस्था है। जिसका अपना एक अलग महत्व है। जो कि देवास के हर सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में दिखने को मिल भी जाता है।  प्रेस क्लब समय – समय पर पत्रकारिता क्षेत्र के साथ -साथ अपनी सामाजिक गतिविधियों को भी बरकरार रखता है। इस बार नए कार्यकाल में प्रेस क्लब फिर सक्रिय हुआ है। प्रेस क्लब ने देवास में विभिन्न टीमो के साथ क्रिकेट टूर्नामेंट भी किया। साथ ही अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जनहित के कार्य भी किये। विगत दिनों कश्मीर पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स देख कर अपनी राष्ट्रवादी सोच को प्रदर्शित भी किया।इसी सक्रियता में 20 मार्च को प्रेस क्लब देवास ने अपनी धार्मिक यात्रा भी पूरी की। इस धार्मिक यात्रा में प्रेस क्लब के साथियों ने महेश्वर जाकर वहां विधि विधान से माँ नर्मदा की पूजा पाठ कर संध्या आरती की। साथ ही वहां घाट के पास कालेश्वर, राजराजेश्वर, विठलेश्वर और अहिलेश्वर मंदिरों के दर्शन भी किये।

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास

महेश्वर का पौराणिक महत्व और इतिहास महेश्वर के अत्यंत गौरवशाली पौराणिक इतिहास के कारण ही देवी अहिल्या ने महेश्वर को राजधानी बनाया था। इसके पूर्व महत्वपूर्ण इतिहास में यह शहर पंडित मंडन मिश्र वह उनकी धर्मपत्नी विदुषी भारती देवी की विद्वता से प्रकाशित हुआ करता था व जाना जाता था। फिर इसी स्थान पर जगतगुरु आदि शंकराचार्य से उनके शास्त्रार्थ का गवाह बना व सनातन धर्म को उत्तम दिशा दी।  वेद, पुराण उपनिषद, ( वायु पुराण, नर्मदा पुराण , स्कंद पुराण इत्यादि में वर्णित महिष्मति नगरी ही महेश्वर हे।

निमाड़ एवं महेश्वर का इतिहास लगभग 4500 वर्ष पुराना है। रामायण काल में महेश्वर को ‘माहिष्मती’ के नाम से जाना जाता था। 18वीं सदी में निर्मित महेश्वर अथवा होल्कर क़िला नर्मदा नदी के सुन्दर तट पर स्थित है। महेश्वर क़िला मालवा की तत्कालीन रानी अहिल्याबाई होल्कर का निवास था। इसीलिए इसे “अहिल्या क़िला” भी कहा जाता है।

महेश्वर का किला एवं प्रसिद्ध घाट महेश्वर मध्य प्रदेश के खरगौन ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह नर्मदा नदी के किनारे पर बसा है। प्राचीन समय में यह शहर होल्कर राज्य की राजधानी था और तत्कालीन रानी अहिल्याबाई होल्कर का निवास था। महेश्वर धार्मिक महत्त्व का शहर है तथा वर्ष भर लोग यहाँ घूमने आते रहते हैं। यह शहर अपनी ‘महेश्वरी साड़ियों’ के लिए भी विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है।

Post Author: Vijendra Upadhyay