नकली नोट चलाने वाले आरोपी को दस वर्ष की सजा

देवास/ जिला अभियोजन अधिकारी, राजेन्द्र सिंह भदौरिया, जिला देवास द्वारा बताया गया की दिनांक 30.07.2019 को थाना सिविल लाईन देवास के थाना प्रभारी दिनेश सिंह चौहान को इलाका भ्रमण के दौरान सैनिक 218 नीलेश ने इटावा पुलिस सहायता केन्द्र पर रात्रि 22ः00 बजे सूचना दी। उसे मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई है कि एजाज पिता रजाक शेख नाम का आदमी राजाराम नगर वैष्णव माता मंदिर के सामने सतीश चौधरी की किराना दुकान पर नकली नोट लेकर सामान खरीद रहा है।
उक्त सूचना पर से हमराह सहित सतीश किराना स्टोर पर पहुॅचने पर वहॉ भीड लगी थी एवं एक आदमी को घेर रखा था। सतीश से पूछताछ करने पर उसने बताया कि इस व्यक्ति ने उससे एक घडी साबुन व एक फाइव स्टार चॉकलेट ली है एवं 100/- का नोट दिया है, जो देखने पर नोट का हूबहू असली होकर मोटा चिकना होकर नकली प्रतीत हो रहा था। जिससे दुकानदार ने सामान देने से मना किया तो वह बहस करने लगा।
दुकानदार ने उक्त सूचना सैनिक नीलेश को दी, कि एक व्यक्ति नकली नोट चलाने का प्रयास कर रहा है सूचना पर से हमराह फोर्स रवाना होकर निरीक्षक दिनेश सिंह चौहान ने पंचसाक्षी के समक्ष उस व्यक्ति से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम एजाज पिता रजाक शेख नि. स्वास्तिक नगर इटावा जिला देवास बताया। पंचो के समक्ष तलाशी में एजाज के जेब से 100-100/- के कुल 11 नोट मिले। उक्त नोट समान-समान सीरियल नम्बर के होने से स्पष्टतः कूटरचित दिखाई दे रहे थे। नोंटो के संबंध में पूछताछ करने पर आरोपी एजाज ने मेमोरेण्डम देकर बताया कि उक्त नोंट उसे ललित वर्मा पिता श्रीकृष्ण वर्मा ने चलाने के लिये दिये है। उसके पास प्रिंटर मशीन है और खुद ही नोट छाप लेता है। आरोपी से उक्त नोट जप्तकर जप्ती पंचनामा बनाया गया एवं जप्तशुदा नोट मालखाने में जमा किये गये। तथा आरोपी एजाज व ललित के विरूद्ध थाना सिविल लाईन देवास में अपराध क्रमांक 476/19 की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

माननीय न्यायालयः- द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, जिला देवास द्वारा दिनांक 23.03.2022 को निर्णय पारित करते हुये प्रकरण में विचारण के दौरान अंतिम प्रक्रम पर अभियुक्त क्रमांक 01 एजाज की मृत्यु हो जाने से उसके विरूद्ध कार्यवाही समाप्त की गई। तथा शेष आरोपीगण ललित पिता श्रीकृष्ण वर्मा उम्र 46 साल नि0 15 आनन्द बाग जिला देवास को धारा 489(क) व 489(घ) में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 3000-3000/- रूपये के अर्थदण्ड से तथा धारा 489(ग) में 07 वर्ष सश्रम कारावास व 3000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया।

  उक्त प्रकरण में शासन की ओर से  मनोज हेतावल, अपर लोक अभियोजक, जिला देवास द्वारा प्रकरण का कुशल संचालन किया गया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी  ऊदल सिंह मौर्य, जिला देवास द्वारा दी गई।

Post Author: Vijendra Upadhyay