- भाजपा नेताओं ने सीएमएचओ पर लगाए रिश्वत के आरोप
देवास/ देवास के महात्मा गाँधी जिला अस्पताल को नवीनीकरण कर कायाकल्प किया गया। अस्पताल का बाहरी अनावरण सजाया गया, जिस कारण जिला अस्पताल ने प्रदेश स्तर पर द्वितीय अवार्ड भी प्राप्त भी किया। कायाकल्प से जिला अस्पताल का रूप तो परिवर्तित हो गया, लेकिन वहा रोज ही शिकायत आती है की वहा पर कार्य करने वाले कर्मचारियों, पर मायाकल्प का बुखार चढ़ा हुआ है। जिस कारण गरीब मरीज और उनके परिजन हमेशा शिकार होते है।
देखा जाये तो भ्रष्टाचार व अनियमितता का केंद्र बन चुके स्वास्थ्य विभाग में आए दिन कोई न कोई नया मामला उजागर होते है। एक सप्ताह पूर्व प्रसूति वार्ड में एक पीडि़ता के पैसे लेने के आरोप लगे थे। वहीं दो दिन पूर्व सोनकच्छ में बीएमओ व महिला चिकित्सक के बीच हुए विवाद का वीडियो वायरल हो गया। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि बुधवार को भाजपा नेताओं ने न सिर्फ सीएमएचओ पर स्टाफ नर्स का अवकाश स्वीकृत करने के लिए 30 हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया, बल्कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में एडीएम व एसडीएम के समक्ष जमकर नारेबाजी करते हुए सीएमएचओ को खरी-खोटी सुनाई।
हालांकि सीएमएचओ ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स प्रीति तिवारी ने एक माह पूर्व एक वर्ष के लिए अवकाश पर जाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था, किंतु आवेदन पर सुनवाई नहीं हुई और उससे अवकाश स्वीकृत कराने के 30 हजार रुपये मांग लिये। जब यह बात भाजपा के जिला महामंत्री राजेश यादव के पास पहुंची तो यादव अपने साथी अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष संजय दायमा, पूर्व पार्षद मनीष सेन व अन्य कार्यकर्ताओं को लेकर सीधे सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे, जहां पर सीएमएचओ डॉ. एम.पी. शर्मा ने उनसे बात करने के बजाय यह कहकर आगे बढ़ गए कि उन्हें कलेक्ट्रेट कार्यालय जाना है। बस फिर क्या था भाजपा नेताओं का आक्रोश सातवें आसमान चढ़ गया और वे सब सीएमएचओ के पीछे ही कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए, जहां पर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला की अनुपस्थिति में एडीएम महेंद्र कवचे को उन्हेांने शिकायत दर्ज कराई और छुट्टी का आवेदन दिया। साथ ही वीसी में बैठे सीएमएचओ डॉ. शर्मा को बाहर बुलाया गया और फिर भाजपा नेताओं व शर्मा के बीच जमकर गरमागरम बहस हुई। यहां भाजपा नेताओं ने नारेबाजी करते हुए सीएमएचओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
- हाथों-हाथ हो गया अवकाश स्वीकृत
जो महिला नर्स पिछले एक माह से विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के समाने अवकाश स्वीकृत करने के लिए मिन्नतें मांग रही थी और गिड़गिड़ा रही थी। उस महिला नर्स के समर्थन में भाजपा नेताओं के उग्र तेवर के चलते महज एक घंटे में ही अवकाश स्वीकृत हो गया। इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकारी महकमे में अब आम आदमी का काम होना मुश्किल ही नहीं असंभव हो गया है। या तो उसे धन बल के आधार पर काम कराना पड़ेगा या फिर राजनीतिक हस्तक्षेप करवाना पड़ेगा, अन्यथा उसे सिर्फ चक्कर ही लगाना होंगे।
आज भाजपा नेताओं द्वारा जो आरोप लगाए गए है, वे निराधार है। मेरे कार्यालय में तो उस स्टाफ नर्स का अवकाश हेतु आवेदन आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ था। संभवत: उसके द्वारा सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन दिया था, उससे किसने पैसे की मांग की, यह नहीं बताया गया है। मैंने भी आरोप लगाने वाले नेताओं से नाम पूछा, किंतु किसी ने नहीं बताया। फिर भी हम इस मामले की जांच कराएंगे, फिलहाल स्टाफ नर्स का अवकाश आवेदन स्वीकृत कर दिया गया है।
डॉ. एम.पी. शर्मा- सीएमएचओ
भाजपा नेताओं ने सीएमएचओ पर छुट्टी स्वीकृत करने के बदले 30 हजार रुपये मांगने के आरोप लगाए है। इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल जो मुझे आवेदन मिला था, उस पर सीएमएचओ ने अवकाश स्वीकृत कर दिया है। मामले की जांच कराई जाएगी।
महेंद्र कवचे- एडीएम, देवास