नवरात्रि पर्व पर गौरव दिवस ने दी शहर को अलग पहचान

-गौरव दिवस से हिंदुत्व का बड़ा मान

विजेंद्र उपाध्याय, देवास

देवास। देवास की पहचान माता टेकरी, नवदुर्गा उत्सव पर्व को इस बार गौरव दिवस के उपलक्ष्य में बनाया गया। नवरात्रि के पहले दिन से 3 दिन तक देवास में गौरव दिवस बनाया गया। इस उत्सव में महाआरती, रात्रि संगीत कार्यक्रम, शहर में दीपोत्सव, भव्य चुनरी यात्रा और कन्या भोज के आयोजन किये गए। कार्यक्रम में चुनरी यात्रा में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल हुए। यह एक देवास के लिये स्वर्णिम पल रहा जिसमे शहर का हर नागरिक हर समाज हर संस्था का व्यक्ति शामिल हुए। भव्य चुनरी यात्रा का जगह- जगह चौराहों चौराहों पर भव्य स्वागत सत्कार हुआ। वही इन तीन दिनों में शहर का अपना एक अलग माहौल बना रहा, हालांकि की नवरात्रि पर्व के पूरे 9 दिन शहर में आध्यात्मिक माहौल रहता है। लेकिन गौरव दिवस पर पूरा शहर देवास गोरांवतीत हुआ।

गौरव दिवस में एक बात अलग दिखाई दी वह यह थी बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के कार्यक्रम सफल रहा। वही नवरात्रि के नो दिनो मे लाखो श्रद्धालु देवास दर्शन को आये। जिसके भी पुख्ता इंतजाम किए गए। हा यह बाद अलग है कि ट्राफिक व्यवस्था गड़बड़ जरूर हुई थी। लेकिन प्रशासन की सूझबूझ ने वह भी सम्भाल लिया। हम कह सकते है कि गौरव दिवस की एक अलग परम्परा बन गई है जो हर वर्ष नवरात्रि के पहले दिन गौरव दिवस के रूप में बनाया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक कदम रहा जिससे लाखो हिंदुत्व का मान भी बड़ा है।

विर्सजन चल समारोह ने भी रचा इतिहास –
माता जी के 9 दिन पूरे होने के बाद देवास में चल समारोह की पुरानी परंपरा है। जो पिछले दो वर्षों से कोरोना में नही हो रही थी। इस वर्ष निकले चल समारोह में 83 झांकिया निकली जिसे देखने के लिये दूर -दूर से लोग आए। मनमोहक झांकियों और माता रानी की मूर्तियां ने सभी का मन मोह लिया।

गौरव दिवस पर कुछ लोगो ने पाली भ्रांतियां-
गौरव दिवस पर कई लोगो ने सोशल मीडिया पर विरोध के स्वर देखने को मिले। उनकी माने तो आयोजन के नाम पर करोड़ो खर्च पानी मे जाता है। लेकिन यही लोग यह नही जानते कि वर्षों से सरकारी तंत्र और नेताओं की मलाई खाने की प्रथा से अब तक देश को कितना ही नुकसान हुआ है।
आज वर्तमान का दौर कुछ और है, पहले देश मे हिंदुत्व खो रहा था।
जिसे आज अलग मान सम्मान मिला रहा है।

माता टेकरी का हुआ स्वर्णीम विकास –
मां तुलजा भवानी और चामुंडा माता की टेकरी का विकास और साैंदर्यीकरण किया जा रहा है। यहां टेकरी के नीचे पाथवे बनाया गया है तो टेकरी पर परिक्रमा मार्ग को भी चौड़ा और सुचारू बनाया है। दूसरी तरफ रोपवे ने श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा किया है। टेकरी पर प्लाजा का निर्माण भक्तों को आकर्षित करेगा, वही शंखद्वार पर नवीन निर्माण किया जा रहा है। जगमगाती माता की टेकरी का नजारा देखते ही बनता है। वही प्रसादालय पर आने वाले श्रद्धालु मात्र ₹10 में माता रानी का प्रसाद भर पेट ग्रहण करते हैं।

Post Author: Vijendra Upadhyay