देवास/ उक्त कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांस्कृतिक व्यक्तित्व की धनी राज्य सभा सदस्य पदम् भूषण व पदम् विभूषण एवं इंडियन क्लासिकल डांस की संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ सोनल मानसिंह थी। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह व विद्यालय के निदेशक चरणजीत सिंह अरोरा एवं प्राचार्या श्रीमती रीटा सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया ।
इसके पश्चात् विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रीटा सिंह ने गत वर्ष में आयोजित समस्त गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय की सफलताओ पर वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह द्वारा विद्यालय के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। अपने उदबोधन में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के पतन पर चिंता जताई और कहा की में नब्बे देशों की यात्रा कर चुकी हूँ पुरे विश्व में भारतीय पुरातन संस्कृति की प्रशंसा होती है और पूरा विश्व इसके बारे में जानने को इच्छुक है परन्तु अत्यंत दुःख का विषय है की भारतीयों को अपने वेद पुराण व संस्कृति महत्व का पता ही नहीं है। दुनिया में भारतीय संस्कृति विश्व गुरु का स्थान रखती है सिर्फ जरुरत है हमें इसे जानने की। भारतीय अभिवादन की पद्धति नमस्ते के बारे में उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया व इसके तरीके की महत्वता बताई। डॉ सोनल मानसिंह के ज्ञान व उसके वर्णन को पालकों, विद्यार्थियों, विद्यालय के कर्मचारियों के बहुत ही मंत्रमुग्ध हो कर सुना व खड़े हो कर तालियों की गड़गड़ाहट से प्रशंसा की ।
मुख्य अतिथि के उदबोधन के पश्चात् विद्यालय के करीब 900 छात्र- छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति का आधार समत्व पर आधारित था। समत्व अर्थात वास्तव में यह सभी छात्र छात्रों के समामेलन का प्रतिनिधित्व करता है। हम उतने ही मजबूत है जितने एकजुट है और उतने ही कमजोर है जितने विभाजित है। समत्व ही प्रेम, करुणा, समानता व मानवता को जीवित रखता है । आइये हम सब मिलकर खुशहाल दुनिया का मार्ग प्रशस्त करें । इस आधार को सार्थक करते हुए कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक के छात्र छात्राओं ने विभिन्न माध्यमों के द्वारा जिसमे नाटक, नृत्य, एवं शब्दों के जरिये उपस्थित जनसमुदाय के सामने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया जिसे उपस्थित दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।
अंत में विद्यालय के निदेशक चरणजीत सिंह अरोरा ने मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
कार्यक्रम का संचालन कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने किया व आभार विद्यालय की हेड गर्ल अनुषी छाबड़ा व सांस्कृतिक सचिव कु. जिया कुमावत द्वारा किया गया।उक्त कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सांस्कृतिक व्यक्तित्व की धनी राज्य सभा सदस्य पदम् भूषण व पदम् विभूषण एवं इंडियन क्लासिकल डांस की संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ सोनल मानसिंह थी। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह व विद्यालय के निदेशक श्री चरणजीत सिंह अरोरा एवं प्राचार्या श्रीमती रीटा सिंह ने दिप प्रज्ज्वलित कर किया।
इसके पश्चात् विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती रीटा सिंह ने गत वर्ष में आयोजित समस्त गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए विद्यालय की सफलताओ पर वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह द्वारा विद्यालय के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए । अपने उदबोधन में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के पतन पर चिंता जताई और कहा की में नब्बे देशों की यात्रा कर चुकी हूँ पुरे विश्व में भारतीय पुरातन संस्कृति की प्रशंसा होती है और पूरा विश्व इसके बारे में जानने को इच्छुक है परन्तु अत्यंत दुःख का विषय है की भारतीयों को अपने वेद पुराण व संस्कृति महत्व का पता ही नहीं है। दुनिया में भारतीय संस्कृति विश्व गुरु का स्थान रखती है सिर्फ जरुरत है हमें इसे जानने की। भारतीय अभिवादन की पद्धति नमस्ते के बारे में उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया व इसके तरीके की महत्वता बताई। डॉ सोनल मानसिंह के ज्ञान व उसके वर्णन को पालकों, विद्यार्थियों, विद्यालय के कर्मचारियों के बहुत ही मंत्रमुग्ध हो कर सुना व खड़े हो कर तालियों की गड़गड़ाहट से प्रशंसा की।
मुख्य अतिथि के उदबोधन के पश्चात् विद्यालय के करीब 900 छात्र- छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति का आधार समत्व पर आधारित था। समत्व अर्थात वास्तव में यह सभी छात्र छात्रों के समामेलन का प्रतिनिधित्व करता है। हम उतने ही मजबूत है जितने एकजुट है और उतने ही कमजोर है जितने विभाजित है। समत्व ही प्रेम, करुणा, समानता व मानवता को जीवित रखता है । आइये हम सब मिलकर खुशहाल दुनिया का मार्ग प्रशस्त करें । इस आधार को सार्थक करते हुए कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक के छात्र छात्राओं ने विभिन्न माध्यमों के द्वारा जिसमे नाटक, नृत्य, एवं शब्दों के जरिये उपस्थित जनसमुदाय के सामने अनोखे अंदाज में प्रस्तुत किया जिसे उपस्थित दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।
अंत में विद्यालय के निदेशक श्री चरणजीत सिंह अरोरा ने मुख्य अतिथि डॉ सोनल मानसिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान किया
कार्यक्रम का संचालन कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों ने किया व आभार विद्यालय की हेड गर्ल अनुषी छाबड़ा व सांस्कृतिक सचिव कु. जिया कुमावत द्वारा किया गया