बाल मजदूरी के सहारे चलने वाले उद्योग

सुरेश जायसवाल,देवास
आम बच्चे जब तैयार होकर स्कूल जा रहे होते हैं, उसी वक्त लाखों बच्चे रोजी रोटी कमाने के लिए निकल पड़ते हैं. इनमें से कई कभी वापस नहीं लौटते हैं. एक नजर सबसे ज्यादा बाल मजदूरी वाले उद्योगों पर.

कॉफी
विश्व श्रम संगठन के मुताबिक कृषि क्षेत्र में बाल मजदूरी सबसे ज्यादा है. कोलंबिया, तंजानिया, केन्या, यूगांडा, मेक्सिको, निकारागुआ, डोमिनिक रिपब्लिक, होंडुरास, पनामा, अल सल्वाडोर, गिनी और आइवरी कोस्ट में लाखों बच्चे कॉफी की खेती में झोंके जाते हैं.

कपास
दुनिया के कई देशों में कपास तोड़ने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है. एक गैरसरकारी संगठन कॉटन कैंपेन के मुताबिक उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में हजारों बच्चे जबरन इस काम में धकेले गए हैं.

ईंट
अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक 15 देशों में बच्चे ईंट उद्योग में काम कर रहे हैं. इन देशों में अर्जेंटीना, चीन, ब्राजील, इक्वाडोर, उत्तर कोरिया, भारत और पेरु का नाम शामिल है.

कपड़ा उद्योग
कोलंबिया और बांग्लादेश इस मामले में बदनाम हैं. हाल के समय में तुर्की में भी सीरिया के शरणार्थी बच्चों को जूते के कारोबार में झोंका गया.

गन्ना उद्योग
फिलीपींस, ग्वाटेमाला और कंबोडिया में हजारों बच्चों की जिंदगी गन्ने के खेतों में गुजरती है. विश्व श्रम संगठन के मुताबिक फिलीपींस में तो सात साल के बच्चे भी गन्ने के खेतों में पसीना बहाते दिखाई पड़ते हैं.

तंबाकू
बहुत ही गर्म माहौल में कई घंटों तक काम, खतरनाक रसायनों के बीच बैठे रहना और भारी वजन ढोना और जानवरों के हमले झेलना, तंबाकू सेक्टर में काम करने वाले बच्चे ऐसी ही जिंदगी जीते हैं. तंबाकू उद्योग में काम करने वाले बाल मजदूर औसतन 10 घंटा प्रतिदिन काम करते हैं.

सोना
सोने की खदान में बच्चे, अफ्रीका के कुछ देशों में ऐसा नजारा आम है. टीबी, मेनिनजाइटिस और मलेरिया के खतरे के बावजूद बच्चों को खदान में उतारा जाता है. छोटे बच्चे खदान में काफी भीतर तक जा सकते हैं, इसीलिए उन्हें ही खदानों में उतारा जाता है. हर साल सैकड़ों बच्चे खदानों में मारे जाते हैं.

Post Author: Vijendra Upadhyay

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