अमलतास विशेष विद्यालय में दिव्यांग बच्चों ने मनाया रंगारंग होली महोत्सव

अमलतास विशेष विद्यालय में दिव्यांग बच्चों ने मनाया रंगारंग होली महोत्सव

नशामुक्ति केंद्र के लाभान्वित मरीजों ने दिया प्रेरणादायी संदेश

रंगों की खुशी के साथ नशामुक्ति का संकल्प

देवास। रंगों का त्योहार होली जब खुशियों की बयार बनकर हर मन को रंग देता है, तब दिव्यांग बच्चों की मुस्कान और उमंग इसे और खास बना देती है। अमलतास विशेष विद्यालय में इस बार की होली कुछ अलग रही यह सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि उम्मीदों, प्रेरणाओं और समाज सुधार के संकल्पों का उत्सव बना। दिव्यांग बच्चों ने गुलाल और फूलों की होली खेली, वहीं अमलतास नशा मुक्ति केंद्र के लाभान्वित मरीजों ने अपने अनुभव साझा कर समाज को नशा छोड़ने की प्रेरणा दी। संदेश दिया कि चुनौती खुशियों और सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती, अगर जज्बा और सही मार्गदर्शन मिले।

अमलतास विशेष विद्यालय के प्रांगण में जब रंग-बिरंगे फूलों और गुलाल से होली खेली गई, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति भावविभोर हो गया। इन बच्चों ने अपनी मासूमियत और उत्साह से यह साबित कर दिया, कि सच्ची खुशी किसी भी शारीरिक सीमाओं की मोहताज नहीं होती। उनका उल्लास देखकर कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो गया।

विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. भारती लाहोरिया ने कहा, कि रंगों का यह पर्व हमें प्रेम, समानता और समावेशिता का संदेश देता है। हमारे विशेष बच्चे अपनी अनोखी प्रतिभा से इस दुनिया को और खूबसूरत बनाते हैं, और हमें उन पर गर्व है।आइए, इस होली पर हम प्रेम, संवेदनशीलता और समझ के रंग भरें।

नशा मुक्त जीवन का संदेश

कार्यक्रम में अमलतास नशा मुक्ति केंद्र के लाभान्वित मरीजों ने अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने बताया, कि नशे ने कैसे उनके जीवन को बर्बाद कर दिया था और किस तरह अमलतास के मार्गदर्शन में वे एक नई राह पर लौट सके। उन्होंने समाज से अपील की कि नशा छोड़कर स्वस्थ और खुशहाल जीवन अपनाएं।
अस्पताल निदेशक डॉ. प्रशांत ने कहा, नशा सिर्फ व्यक्ति को नहीं, पूरे परिवार और समाज को नुकसान पहुंचाता है। नशामुक्ति केवल एक व्यक्तिगत बदलाव नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है।

एक-दूसरे को लगाया रंग-गुलाल

इस आयोजन में अमलतास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शरदचन्द्र वानखेड़े, कुलसचिव संजय रामबोले, प्रबंधक डॉ. मनीष शर्मा, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यगण एवं मनोरोग विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों ने भाग लिया। सभी ने दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा की सराहना की और नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया।

समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश

अमलतास सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चेयरमैन मयंक राज सिंह भदौरिया ने सभी को होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा, यह उत्सव सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि दिव्यांग बच्चों की रचनात्मकता और उत्साह का भी प्रतीक है। साथ ही, यह नशामुक्त भारत के संकल्प को साकार करने की प्रेरणा देता है। सच्ची खुशी सीमाओं से परे होती है। जीवन में बदलाव की राह हमेशा खुली रहती है। खुशियों को हर हाल में अपनाओ और नशा छोड़कर जीवन को नई दिशा दो।

Post Author: Vijendra Upadhyay