पटाक्षेप हुआ विशेष सम्मेलन मामले का  

मोहन वर्मा – 98275 03366
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पिछले पन्द्रह दिन से अधिक समय से चल रहे नगर निगम के विशेष सम्मेलन बुलाये जाने की मांग वाले मामले का आज उस समय पटाक्षेप हो गया जब भाजपा पार्षदों द्वारा विशाल सिंह चौहान की उपस्थिति में सभी पार्षदों के हस्ताक्षर युक्त एक पत्र सभापति अंसार अहमद को सौंपा और विशेष सम्मलेन बुलाये जाने की मांग को वापस लिया.निगम सत्ता पक्ष पार्षद दल के मनीष सेन,अर्जुन चौधरी,विनय सांगते,इरफ़ान अली, राजेश यादव,अकील हुसैन कालू बोस, प्यारे मिया पठान की उपस्थिति में हुए इस पटाक्षेप में पार्षदों द्वारा कल विधायक गायत्री राजे पवार, महापौर सुभाष शर्मा, निगम आयुक्त विशाल सिंह चौहान तथा सभापति अंसार अहमद के साथ हुई सौहर्द्तापूर्ण बातचीत के बाद विशेष सम्मेलन बुलाये जाने की बात समाप्त हो गई जिससे पार्षदों व निगम आयुक्त के बीच चल रहे कथित विवादों की  भी सम्मानजनक समाप्ति हो गई

          उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 17 रसूलपुर में निगम कर्मचारियों को सम्पत्ति कर सर्वे न करने देने के कथित आरोपों को लेकर भाजपा पार्षद इरफ़ान अली को आयुक्त द्वारा कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद से ही गरमाए मामले के बाद आयुक्त के विरोध में दोनों दलों के लामबद्ध हुए पार्षदों द्वारा विशेष सम्मेलन बुलाये जाने की मांग की जा रही थी और विधायक गायत्री राजे पवार द्वारा पार्षदों से चर्चा करके इसे टालने  की बात के बावजूद कुछ भाजपा के कुछ पार्षद तथा कांग्रेस के भी पार्षद अपनी बात पर अड़े हुए थे . पार्षद इरफ़ान अली के बहाने टेंडर,वार्डों में विकास कार्य ना होने तथा आयुक्त की मनमानी जैसे मुद्दे लेकर कुछ पार्षद आयुक्त के खिलाफ मौर्चा खोलकर विशेष सम्मेलन की मांग के बहाने आयुक्त पर निशाना साधने की राजनीति कर रहे थे।

दरअसल विधायक द्वारा चर्चा से इसे टालने के सुझाव के बावजूद कुछ भाजपा पार्षदों द्वारा मामले को तूल दिए जाने से शहर में भाजपा की किरकिरी ही रही थे और ये माना जा रहा था कि भाजपा के ही लोग अपने विधायक की बात को नही मान  रहे है .मगर बुधवार शाम विधायक निवास पर हुई बैठक में भाजपा पार्षदों ने विशेष सम्मेलन निरस्त करने पर सहमती दी अब इस मामले में आज पार्षदों द्वारा सभापति को सम्मेलन स्थगन को लेकर एक पत्र दिया गया.

          यहाँ ये बात भी गौरतलब है कि ये देवास का दुर्भाग्य रहा है कि यहाँ अब तक देवास के विकास की दृढ़ इच्छाशक्ति लेकर जो भी अधिकारी आया है राजनीति के खिलाडियों ने उसे शहर हित में कुछ नहीं करने दिया क्योंकि शहर का विकास उनके निजी हितों के आड़े आता है. ऐसा ही कुछ इन दिनों नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह चौहान के साथ हो रहा था जो अपने खिलाफ लामबद्ध हो रहे पार्षदों की गतिविधियों के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण में देवास को सर्वोपरी बनाने के जूनून में लगे है .

         अब पूरे मामले के पटाक्षेप के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि पूरी टीम एक साथ मिलकर शहर हित में रुके हुए विकास कार्यों को गति देंगे।
         

Post Author: Vijendra Upadhyay

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