अनुशासन प्रमुख है जैन शासन

नकारात्मक नहीं सकारात्मक सोचें- सुनील सिंघी
समग्र जैन समाज सम्मेलन में दी आयोग के उद्देश्यों की जानकारी

देवास। जैन शासन अनुशासन प्रमुख है। मैं प्रशासनिक व्यवस्था को सामाजिक व्यवस्था से जोडऩे के लिये आया हूँ। इसके लिये जनसंवाद को माध्यम बनाया है। जीवन में नकारात्मक सोच को छोड़ सकारात्मक सोच को स्थान देने वाला उन्नती करता है। जैन समाज की अपनी अलग पहचान है। जैन समाज को अब अल्पसंख्यक घोषित किया गया है, तो जैनों को आगे आकर दी जाने वाली सुविधा का लाभ उठाना चाहिये। अल्पसंख्यक आयोग में जैन समाज को पहली बार सदस्य के रूप में साधर्मिक भाई को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अनुशंसा पर नियुक्त किया है। आपसे यह अनुरोध है कि आप देश की मुख्यधारा से जुड़ें। उक्त बातें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सुनील सिंघी ने फेथ फाउंडेशन ग्लोबल स्कूल में समग्र जैन समाज महासम्मेलन के अंतर्गत कही। श्री सिंघी ने अपने सम्बोधन के दौरान जब पूछा कि आप बताएं आप में से ऐसे कितने लोग है जिन्होंने अल्पसंख्यक होने के प्रमाण पत्र बनवाए हैं। एक भी हाथ नहीं उठने पर आपने समाजजनों को प्रेरणा देते हुए कहा कि अतिशीघ्र संबंधित विभाग में जाकर अपने प्रमाण पत्र बनवा लेवें। उन्होंने कहा कि आयोग के जो उद्देश्य है व जो योजनाएं चल रही है, उनको जानने समझने व आगे आकर उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। इसमें आपको जागरूकता का परिचय देना होगा। मैने देवास में जो संगठन शक्ति देखी वो पूरे देश के जैनों में देखना चाहता हूँ। आप किसी भी मान्यता के हों, किसी भी गुरू को मानो, किसी की भी आराधना करो, लेकिन जब जैनों की एकता, संगठन शक्ति की बात आए वहां संगठित नजर आए। क्योंकि अनेकता मे एकता ही जैनों की विशेषता है। हम सब जैनों को संगठित होकर एक शक्ति के रूप में उभरना होगा। सभी दूर जीवदया, अहिंसा, करूणा, प्रेम, दया और मैत्री का संदेश पहुंचाएँ। श्री सिंघी ने विधायक गायत्री राजे पवार, दुर्गेश अग्रवाल एवं मुस्लिम तथा सिक्ख समाज के प्रतिनिधियों से भेंट वार्ता भी की । इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में सहायक संचालक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सपना चौहान एवं तहसीलदार पूनम जैन, विनोद बरगोटा एवं सुनील गांग उपस्थित थे। संपूर्ण जिले के बड़ी संख्या में समाजजनों एवं मातृशक्ति की उपस्थिति में सम्मेलन संपन्न हुआ।
उक्त जानकारी देते हुए प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि सम्मेलन का शुभारंभ महावीर प्रभु प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन के द्वारा हुआ। स्वागत भाषण भरत चौधरी ने दिया। अतिथि परिचय संजय जैन उज्जैन ने दिया। अभिषेक डोसी, संकेत शाह, नरेश बाफना,मंजु जैन भोमियाजी, डॉ. मनीषा बापना, दीपक जैन, अजय मूणत आदि ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर शैलेन्द्र चौधरी, अशोक जैन मामाजी, इंदरमल पाणोत, महेन्द्र बागरेचा, संजय तलाटी, विलास चौधरी, अरूण वोहरा, संदीप जैन, किशोर महाजन, शांतिलाल सोनगरा, नरेन्द्र जैन, राजेश दुग्गड, विनोद बावेल, अजीत जैन, गिरिश जैन, एच एल मेहता, निलेश जैन, नितिन जैन, अंकित जैन, विरेन्द्र जैन, मुकेश चौधरी, संजय कटारिया, राजकुमार छाबड़ा, प्रकाशचंद जैन, पारस जैन, आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विजय जैन ने किया तथा आभार निलेश छाबड़ा ने माना।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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