देवास। 13 फरवरी मंगलवार महाशिवरात्रि के शुभ पावन अवसर पर परम पूज्य गुरुदेव राष्ट्रऋ षि श्री लाहिडी गुरुजी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी के हाथों तुलजापुर, महाराष्ट्र में भटके विमुक्त विकास प्रतिष्ठान के श्री विश्वकर्मा औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास का कार्यक्रम संपन्न हुआ । भूमिपुजन के पश्चात बी.वी.वी.पी.द्वारा संचालित आवासीय स्कूल परिसर में हुये आयोजन में पूरे महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में भटके विमुक्त जन सम्मलित हुये, इस अवसर पर परम पूज्य गुरुदेव राष्ट्रऋषि श्री लाहिडी गुरुजी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री जोशी, महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री फ डणविस ,केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी , राज्यमंत्री सुभाष देशमुख, राज्य मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। बी.वी.वी.पी. अध्यक्षा डॉ सुवर्णा रावल ने श्री विश्वकर्मा औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से भटके विमुक्त समाज के समग्र सशक्तिकरण पर महत्वपूर्ण सूत्र अभिव्यक्त किये । श्री विश्वकर्मा औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से मुख्यधारा से कटे विशेषकर घुमंतू विमुक्त वर्ग का सर्वागीण विकास हो यह बी.वी.वी.पी.एवं हिंदुत्व अभियान की संयुक्त साधना रहेगी ।
भावी समय में उत्पादन के क्षेत्र में नवीन तकनीकीकरण को ध्यान में रखते हुए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है की इसे ग्रहण करने योग्य समाज को तैयार किया जाए । स्वयं गुरूजी ने आय.आय.टी. से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात इस पर गहन शोध किया कि आने वाले नवीन प्रौद्योगिकी व तकनीकी दृष्टिकोण से किस प्रकार प्रशिक्षण के माध्यम से समाज के गरीब, वंचित वर्ग एवं ग्रामीण युवाओं का समग्र सशक्तिकरण किया जा सकता है ।
भगवान विश्वकर्मा शिल्प विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी के समस्त विधाओं में पारंगत थे । अपने ज्ञान एवं कर्म साधना से उन्होंने समस्त ब्रह्माण्ड का कल्याण किया । उन्हीं के कौशल साधना को समाज के शोषित वंचित वर्ग तक पहुँचाने का कार्य विश्वकर्मा औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र करेगा । यह मात्र एक आईटीआई ही नहीं अपितु एक सर्वोत्कृष्ट आध्यात्मिक गुरुकुल होगा । भटके, विमुक्त, घुमंतू वर्ग के युवाओं को कौशल अभिवृद्धि स्किल डवलपमेंट के माध्यम से रोजगार संपन्न, समृद्धि संपन्न, संस्कार संपन्न बनाकर भारत के सामजिक व आर्थिक संरचना को सुदृढ़ करना साथ ही धर्म राष्ट्र संस्कृति का संवर्धन का यह सूत्र रहेगा । गुरूजी कई वर्ष पूर्व जब आय आय टी में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तभी से उन्होंने कौशल एवं उद्योग के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के सशक्तिकरण इस साधना का महत्व समझा व साधा । श्रीविश्वकर्मा आईटीआई जो हिन्दुत्व अभियान के नर्मदेश्वरी आर्थिक विकास ब्रांड मॉडल के अनुसार कार्य करेगा, भारत की सबसे बड़ी ज्वलंत समस्या बेरोजगारी का सशक्त समाधान नर्मदेश्वरी के प्रेक्टिकल आर्थिक सिस्टम प्रस्तुत करेगा। हिन्दुत्व अभियान का यह आध्यात्मिक आर्थिक मॉडल भारतवर्ष को टेक्सटाइल की महाशक्ति बनाने का संकल्प रखता है। नर्मदेश्वरी ब्रांड अंतर्गत आईटीआई से प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के साथ ही समाज के गरीब वर्ग के आर्थिक विकास के उद्देश्य से उनके द्वारा उत्पादन करवाना, उन उत्पादों को राष्ट्रिय, अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना, जिससे अधिकतम लाभ अवसर समाज के गरीब वर्ग को प्राप्त हो सके । इस प्रकार की आध्यात्मिक आर्थिक व्यवस्था नर्मदेश्वरी अपने आप में अद्वितीय सिद्ध होगी जो भारतवर्ष का समग्र वैभव पुन: संस्थापित करने में निश्चित सफल होगी। समाज की मुख्यधारा से कटे एक बड़ें वर्ग का समग्र उन्नति,उत्थान कर उनके जीवन का कायाकल्प कर करते हुये समाज संगठन, सशक्तिकरण का रामकार्य सिद्ध कर आधुनिक रामराज्य पुन: भारत में अवतरित करेगी ।
निकट भविष्य में इस प्रकार के आईटीआई एटेक्सटाइल कार्य मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य क्षेत्रों में भी शुरू करने की योजना है । जिससे समाज के समग्र सशक्तिकरण की यह नि:स्वार्थ, निर्भीक, निरहंकार साधना राष्ट्र, धर्म, संस्कृति, समाज की मुख्यधारा से कटे हर जन तक पहुँचकर एक नये सशक्त.समृद्ध.सुरक्षित समाज का निर्माण को सिद्ध कर सके ।