फर्जी अंकसूची से किया था अनुकंपा नियुक्ति पाने का प्रयास, महिला को तीन साल की सजा

फर्जी अंकसूची से किया था अनुकंपा नियुक्ति पाने का प्रयास, महिला को तीन साल की सजा
-वन विभाग के करीब 12 साल पुराने मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का फैसला, दो हजार रुपए का अर्थदंड भी
देवास। पति की मौत के बाद वन विभाग में फर्जी अंकसूची लगाकर एक महिला द्वारा अनुकंपा नियुक्ति पाने का प्रयास करने के मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे तीन धाराओं में तीन-तीन साल व एक अन्य धारा में दो साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही चारों धाराओं में कुल दो हजार रुपए का अर्थदंड भी किया गया है।
मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी करने वाली एडीपीओ करुणा आशापुरे ने बताया आरोपी रेखाबाई पति स्व. कुलदीपसिंह डाबर ने स्वयं के लिए अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया था जिसमें कक्षा पांचवीं की अंकसूची जो शाजापुर जिले के स्कूल की थी वो जांच में फर्जी निकली। इसके बाद वन मंडलाधिकारी द्वारा मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को अप्रैल 2005 में पत्र लिखा गया जिसमें जिक्र था कि डीईओ शाजापुर की जांच में अंकसूची फर्जी पाई गई है, मामले में कार्रवाई करने का उल्लेख किया गया। इसके बाद जांच कोतवाली थाने के टीआई को सौंपी गई। बाद में आरोपी रेखाबाई के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। अनुसंधान पूर्ण होन के बाद प्रकरण न्यायालय में पहुंचा। सुनवाई करते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेंद्रसिंह गुर्जर ने महिला रेखाबाई को दोषी पाया और धारा 420, 467 व 468 में तीन-तीन साल तथा धारा 471 में दो साल की सजा सुनाई। चारों धाराओं के तहत 500-500 रुपए का अर्थदंड किया गया है।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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