- 2018 के प्रस्ताव में देवास शामिल था कि नही किसी के पास कोई प्रमाण नही
देवास। शिवराज की पिछली सरकार ने मई 2018 की कैबिनेट में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा था। लेकिन तत्कालीन चुनाव के कारण यह प्रस्ताव टल गया था। बाद में कमलनाथ सरकार में इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी जोरों पर थी, पर सरकार गिर जाने के कारण यह मामला फिर अटक गया था। किंतु मंगलवार को शिवराज सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। जिसके अंतगर्त भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिये दोनो शहर को महानगर क्षेत्र (मेट्रोपॉलियन एरिया) गठीत किया। जिसमें भोपाल शहर में मंडीदीप तक ओर इंदौर महू पीथमपुर तक बढ़ जाएगा। केंद्र का मेट्रो एक्ट भी यहां लागू हो जाएगा। जिसमे मेट्रो रेल कंपनी को लगभग वह सारे अधिकार रहेगे जो रेलवे को रहते है।
बताया जा रहा है कि प्रोजेक्ट पहले 2000 वर्ग किमी का होना था, लेकिन मंजूरी 1200 वर्ग किमी की मिली है। वही पहले 2018 के प्रस्ताव में उज्जैन, देवास भी शामिल था। लेकिन वर्तमान मंजूरी में उज्जैन, देवास दोनो गायब है। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि देवास ओर उज्जैन 2018 के प्रस्ताव में शामिल थे कि नही। वही इस विषय पर देवास विधायक श्रीमती गायत्री राजे पवार ने अनभिज्ञता प्रकट की।
हालांकि इस मामले में देवास शहर कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज राजानी ने एक प्रेस नोट जरूर जारी किया है की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने निर्णय लिया था कि इन्दौर, महु, पीथमपुर, उज्जैन, देवास को मिलाकर मेट्रोपाॅलिटन एरिया बनाया जाए जिससे समुचित एवं सुनियोजित विकास हो सके, इस एरिया के गठन से रोजगार एवं विकास के नये रास्ते खुलना थे। हालांकि इसके कोई प्रमाण नही है।

