महाकवि तुलसी को नारी निंदक कहना पाप है- स्वामी राजेश्वरानंद

देवास। स्थानीय गीता भवन में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन स्वामी राजेश्वरानंद जी माहाराज ने विषय को आगे बढ़ाते हुवे कहा कि विचार के आंटे में भावना का जल डालकर साधना की रोटी बनाओ तो आत्मा भी तृप्त होगी और जीवन भी सफल होगा। जीवन संगनी के महत्व को निरूपित करते हुवे महाकवि तुलसी के काव्य में नारी महिमा के सुंदर संस्मरण सुनाए।

कथा में देवास माहाराज विक्रमराव पंवार, जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत, बड़वाह विधायक हितेंद्र सोलंकी, भाजपा नेता अमरदीप मोर्य, दौलत तंवर, अजयसिंह बघेल, सहित नगर के प्रबुद्ध श्रोताओं ने कथा का लाभ लिया। इस अवसर पर चामुंडा सेवा समिति के द्वारा रामेश्वर जलोदिया एवं साथियों ने स्वामी जी नागरिक अभिनंदन किया। देवास रामद्वारा वाले श्री रामजी माहाराज की विशेष उपस्थिति रही। अतिथियों का स्वागत संयोजक कवि शशिकान्त यादव, राजेन्द्र मूंदड़ा, सुरेन्द्र सिंह राजपूत ने किया और आभार प्रदर्शन विशाल शिंदे ने किया।

Post Author: Vijendra Upadhyay

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