- कचोले ने कहा कि 40 प्रतिशत सीएमओ को चाहिए
देवास/भौंरासा। नगर परिषद भौंरासा के अकाउंटेंट को लोकायुक्त की टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त की टीम ने भ्रष्ट अकाउंटेंट के जब हाथ धुलवाए तो पानी का रंग गुलाबी हो गया और अकाउंटेंट के पसीने छूटने लगे। वहीं अकाउंटेंट स्वीकार किया कि सीएमओ के कहने पर वह रिश्वत ले रहा था। लोकायुक्त टीम ने अकाउंटेंट को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही करते हुए निजी मुचलके पर छोड़ दिया।
दरअसल भौंरासा का रहने वाला मनीष यादव वर्ष 2019 में पेयजल संकट के दौरान ट्यूबवेल से नगर परिषद को पेयजल सप्लाई की थी। आवेदक मनीष ने ट्यूबवेल से 50 रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से पानी लिया गया था। मार्च से अगस्त तक 5 महीने ट्यूबवेल से पानी का सप्लाई का हुआ था, इसको लेकर 2 लाख 22 हजार 350 रुपये भुगतान होना था, इसको लेकर मनीष यादव ने जब अकाउंटेंट हरिओम कचोले से संपर्क किया तो उसने कहा कि पूरे भुगतान का 40 प्रतिशत रिश्वत के तौर पर देना होगा। जब मनीष यादव ने कहा कि इस हिसाब से 81 हजार 800 रुपए बनते हैं, जो बहुत अधिक है, तो हरिओम कचोले ने कहा कि 40 प्रतिशत सीएमओ माया मंडलोई को चाहिए। जब आवेदक मनीष यादव ने राशि अधिक होने की बात कही तो अकाउंटेंट ने साफ कह दिया कि सीएमओ माया मंडलोई को तो 40 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, तभी आपका पेमेंट होगा। आखिर में 80 हजार रुपये में सौदा तय हुआ। इसको लेकर 1 अक्टूबर को मनीष यादव ने उज्जैन लोकायुक्त एसपी को शिकायत की, जिसकी तस्दीक करने के बाद टीम तैयार कर अकाउंटेंट को ट्रेप करने की योजना बनाई।
योजना अनुसार सोमवार को आवेदक मनीष यादव ने नगर परिषद कार्यालय में अकाउंटेंट को 20 हजार रुपये दिये और इशारा पाते ही लोकायुक्त टीम ने अकाउंटेंट को धरदबोचा और हाथ धुलवाए तो पानी गुलाबी हो गया। जब रिश्वत लेने को लेकर हरिओम से मीडिया ने पूछा कि रिश्वत ली है तो उसने सहज स्वीकार कर लिया कि 20 हजार की रिश्वत ली है। साथ ही कहा कि सीएमओ माया मंडलोई के कहने पर उसने मनीष यादव से 20 हजार रुपए लिए हैं। लोकायुक्त टीम ने अकाउटेंट के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार कर निजी मुचलके पर छोड़ दिया। कार्यवाही के दौरान लोकायुक्त उज्जैन के निरीक्षक राजेंद्र वर्मा, नीरज, विशाल, अनिल व संजय पटेल मौजूद थे।

