रानी दुर्गावती का जन्म शक संवत 1446 आश्विनी शुदी अष्टमी (दुर्गाष्टमी) , 5 अक्टूबर 1524 को माता रानी कमलावती और पिता राजा कीर्ति सिंह (कालिंजर के राजा) के यहां राठ महोबा जिला हमीरपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका विवाह गोंडवाना महाराज संग्राम शाह के बेटे राजा दलपति शाह से ई. सन 1542 में सिंगौरगढ़ में हुआ। चौरागढ़ में पुत्र वीर नारायण का जन्म हुआ।
बीमारी के कारण महाराज दलपति शाह का 1548 में देहावसान हो गया पुत्र को राज्यतिलक महाराज दलपति शाह के निधन के पश्चात 3- 4 वर्ष की अल्पायु में राजकुमार वीरनारायण का राज्यतिलक हुआ। लोकप्रिय कुशल शासक पुत्र को राजा बनाकर राजकाज की देखभाल स्वयं रानी दुर्गावती ने की।
अपने शासनकाल में उन्होंने राज्य में अनेक तालाब बनाये जो आज भी जबलपुर में रानी ताल, आधार ताल, आदि नामों से जाने जाते हैं जो रानी दुर्गावती द्वारा किए गये सुन्दर जलप्रबंधन के उदाहरण हैं। गोंडवाना का क्षेत्रफल- पूर्व – पश्चिम 150 कोस (480 कि. मी), उत्तर – दक्षिण 80 कोस (256 कि. मी) जिसमें 52 गढ़, 57 परगने व 23000 गाँव थे।
1555 से 1560 तक आक्रमणकारी मांडू सुल्तान बाज बहादुर को 6 बार मार खदेड़ा और बरार के सुल्तान को हराया। आताताई अकबर को लोहे के चने चबवाये 1564 में आक्रमणकारी अकबर के सेनापति आसफ खाँ को कई बार छापामार युध्द में खदेड़ा। 24 जून 1564 को प्रधान युध्द क्षेत्र नर्रई नाला गाँव बरेला में वलिदान हुआ।

